dream saler   (सपनों का सौदागर (Dream_S)
329 Followers · 169 Following

read more
Joined 15 April 2019


read more
Joined 15 April 2019
8 JUN AT 8:40

तेरी यादों का मौसम कुछ यूँ छा गया,
दिल भीगता रहा, पर किसी को पता न चला।

तेरे लफ़्ज़ों की खुशबू अभी तक है महकी,
वो ख़त भीग गए, मगर जज़्बात सिला न चला।

मैं तन्हा था मगर तन्हाई भी शरमा गई,
जब तेरा नाम लिया, तो कोई गिला न चला।

तू चुप रही तो मेरी साँसें भी थम सी गईं,
तेरी ख़ामोशी का दर्द, कोई दवा न चला।

तू मिल जाए फिर कुछ और न चाहूँ मैं,
तेरे बिना मेरा ताबिश कहीं चला न चला…

-


24 MAY AT 23:02

मैं ज़िंदगी भर सफ़र करता रहा,
हर सड़क, हर गली, हर राह, हर मंज़िल…
बस पहुँच न सका तुम तक।

और तुम तक पहुँचने की चाह,
जाने कितना और सफ़र तय कराएगी…
पर ये वादा है खुद से —
कि मेरे क़दम रुकेंगे नहीं,
जब तक मैं न पहुँचूं तुम तक।

चाहे चलते-चलते इस ज़िंदगी की हो जाए शाम,
और आख़िरी में भले ही कुछ पल के लिए
मैं तुम्हारे ज़ानू पर अपना सर रख
चाँद बची हुई साँसे ले लूं…
रुकूँगा नहीं जब तक मै न पहुँचूं तुम तक..

-


4 MAY AT 9:50

मुस्कुराता हुआ आदमी फिर वही सोमवार......

वो हँसी की चादर ओढ कर ग़म को छुपा रहा है
जिम्मेदारियों का बोझ लिए वो काम पर जा रहा है
जानता है वो कि सहना हैं वहीं तानें और ज़लालत
सबकी आशाओं के बोझ तले फिर भी मुस्कुरा रहा है

-


29 APR AT 16:07


मैं चलूँ तो कोई साथ दे
मैं रुकूँ तो वहाँ कोई हाथ दे
मेरा कारवाँ कहीं बिछड़ गया
मुझे हमसफ़र की तलाश है......

-


26 APR AT 23:10

मैं उस दिन मारा गया था जब उसने साड़ी पहन कर बिंदी लगाई थी,
अपनी ज़ुल्फ़ें खोलते हुए मेरी नजरों से अपनी नजरें मिलाई थी
एक पल को साँस रुक गई मेरी जब वो मेरी तरफ़ देख कर मुस्कुराई थी,
दिल की धड़कनें रुक गईं जब उसने हाथों में चूड़ियाँ खनकाई थीं
मै उस पल से उसका हो गया जब उसने अपनी मांग मेरे नाम से भर दुनिया से छुपाई थी।

-


21 APR AT 23:38

जो बन-संवर के सामने आ बैठ गई है वो,
मैं अपनी धड़कनें गिनूं या उसकी चूड़ियाँ गिनुँ।

ज़ुल्फ़ इस अन्दाज़ में बिखरा कर बैठ गई है वो,
मैं अपनी उलझनें संभालूं या उसके गेसुओं को बुनूं।

दुपट्टा तो उसका फिसल कर सीने से ढल गया,
मैं ईमान अपना बचाऊं या बस उसे देखता रहूंl

-


13 APR AT 13:00

"लबों से जांघों तक"

वो लम्हा...
जब उँगलियाँ मेरे बदन के नक़्श पढ़ने लगती हैं,
और साँसें हर मोड़ पे
एक नया मोर्चा बन जाती हैं।

तेरी हथेलियों की गर्मी
जैसे मेरे वजूद में
आग के हल्के से फंदे कसे,
और मैं...
रूह नहीं, बस जिस्म बन जाऊँ
तेरे लफ़्ज़ों की तरह बेक़रार।

Read in caption

-


13 APR AT 12:33


बदलते तुम और थमता मैं ....

कभी तुमने खुद को बदला, कभी हालात ने तुमको ढाला,
मैं रहा वही का वही, हमेशा तुमको चाहने वाला।

तेरे रंग में रंगने की ख्वाहिश आज भी बाकी है,
तेरे हर फ़ैसले पे चुप रहकर तुझमें ढलने वाला।

वो लम्हे जब तू खफा था, हम खुद से भी डरते थे,
तेरे लब पे मुस्कान रहे, बस यही सोचने वाला।

तू चाहे बदल जाए, मैं अपनी रूह नहीं बदल सकता,
तू है मेरी दुनिया, मेरा खुदा, मेरा उजाला।

-


12 APR AT 11:11


वो किसी तहज़ीब की तस्वीर लगती है,
साड़ी में लिपटी हुई तासीर लगती है।

लब हिले तो जैसे शायरी बुनने लगे,
ख़ामुशी भी खुद कोई तहरीर लगती है।

पलकों पे रख लूँ या दिल में छुपा लूँ उसे,
वो तो हर इक सज़्दा-ए-तक़दीर लगती है।

ज़ुल्फ़ों में उसकी है शामों की रवानी भी,
रात की गहराई की ताबीर लगती है।

कंगन की छन छन में रस का समुंदर है,
हर अदा उसकी मुझे ताज़ीर लगती है।

अब उसी की सूरतें हैं नींद में भी ताबिश,
हर घड़ी आँखों में बस तसवीर लगती है।

-


7 APR AT 17:10

तेरे लफ़्ज़ों की तपिश ने दिल जला डाला,
बिन चिंगारी के भी दिल राख हो गया आला।

हर तसव्वुर में बसी है तेरो सी सूरत,
तेरा होना भी नहीं, फिर भी है क्या हाला।

हर साँसों में तेरा नाम ही गूँजा अब तक,
तेरा असर है या कोई रूह का उजाला।

ना समझ पाए कभी, ये इश्क़ था या तूफ़ाँ,
हर तरफ़ फैला वही, हर सिम्त था जोशाला।

तू गया तो रह गईं खामोशियाँ वीराँ,
बोलने वाली ज़ुबाँ, अब बन गई ताला।

"ताबिश" को ना मिला सुकून उस दीदार में,
जिस नज़र ने छू लिया और क़हर ढा डाला।

-


Fetching dream saler Quotes