एक सा नहीं होता कुछ किस्मत के मारे हैं कुछ फितरत से हारे हैं हर आदमी एक सा नहीं होता कुछ निभाते हैं रिश्ते दूर से कुछ पास रहकर भी दूर हैं हर आदमी एक सा नहीं होता कुछ आदमी करते हैं इश्क - महोब्बत कुछ आदमी करते हैं घोखा - फरेब हर आदमी एक सा नहीं होता हर एक के रंग होते हैं अलग...! :)
# बस, अब बहुत हुआ अब मैं थक चूकी हूँ जिंदगी से, अब और इम्तिहान मत ले " ऐ जिंदगी " थोड़ा सा रहम इस मासूम सी " जान " पर भी कर दो सिर्फ थोड़ा साथ और सुकुन दे दो,वो ही काफी है मेरे लिए " ऐ जिंदगी ".... :)♥️