drashti bhadja   (sea_sight's_words❤️💫)
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Joined 17 May 2020


Joined 17 May 2020
29 AUG 2022 AT 13:35

સરકની ગાંઠ બાંધી હતી, છતાં છૂટતી નથી
આ લાગણીના ધાગા હવે કપાતાં નથી

છે મન માં વિચારો નું વાવોજોડું,
છે નુકસાનકારક છતાં શાંત પડતું નથી,

કંઇક ખામી દેખાઈ રહી છે મુજમાં,
પોતાની પાસે હોવા છતાં જોઈ સકતા નથી,

નથી આ રસ્તા નો છેડો એવું વિચારી,
માન્યું કે આ લાગણીનો ક્યારેક છેડો આવશે!!!

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2 MAY 2022 AT 22:38

ख्वाईश थी एक वो भी पूरी ना हुई,
रह गये वहीं पर जहाँ अटके हुए थे,
मंजिल का पता नहीं रास्ते भटक गए,
वहीं था मोड़ जिंदगी का वहीँ अटक गये,
शब्दों को बहना था उस खुली क़िताब में,
किताबों के पन्नों खुलने से ही रुक गये,
उस कविता में सामिल होना था,
जिसका अर्थ गहरा था,
अर्थ ढूढ़ने में कविता पढ़ ना भूल गये,
सागर का रास्ता ढूंढ़ने निकल पड़े थे,
नदियों ने ही हमे उलझा कर रख दिया,
कुछ तो था जिससे सब सही था,
मगर क्या करे, उस कुछ को ही भूल गये ।।।

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21 MAR 2022 AT 13:17

कविता का सार है उन शब्दों में,
जो दिल में उतर जाए, वो ख़ास हैं,
हर पल वक़्त को ज़ाहिर करना उसका काम है,
शब्दों से सजी हुई वो हारमाला है,
शब्दों की भाषा जानना उसका काम है,
ढूंढ़ता है वो कविता उन शब्दों में,
जो हर पल उसके पास हैं।।।

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17 MAR 2022 AT 10:33

जल कर खाख हो गया पल में अहंकार
जब सच्चाई छोटे बालक ने बताई
करते रहे घमंड अपनी शक्तियों का
साथ दे भगवान नष्ट करने को दुष्ट को
दिल में हरी हर का नाम लिए
बैठे प्रह्लाद होलिका की गोदी में
अभिमान था शक्तियों का जिसे
हरि ने पर में चूर कर दिया
उड़ कर जा गिरी चूनर भक्त के सर पर
साथ अगर सच्चाई हो तो साथ हरि का हो,
किसी भी बुराई को जला सकते हैं।
सदियों से चला आ रहा है,
अहंकार धूल में मिटाते हुए।

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12 MAR 2022 AT 22:46

सुकून देता है तो सिर्फ एक नाम ,
दुनिया की चहल पहल से निकलके,
जिसे देखने को मन करे, वो मेरी माँ।

मेरा ख्याल रखना ,मेरी परवाह करना,
हर मुश्किल घड़ी में मेरे साथ रहना ,
दोस्त बनके मुझे संभालना, वो मेरी माँ।

ना प्यार में कोई मिलावट की है,
ना दुलार करने में देरी की है,
जब जरूरत हो तब खड़ा पाया , वो मेरी माँ।

मेरी हर ख्वाईश हो तुम, माँ
मेरी पेहचान हो तुम, माँ
मेरी हाथों की लकीरें हैं, माँ
माँ, तुम मेरी जान हो।

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12 MAR 2022 AT 10:36

જિંદગીના હિસ્સા ક્યારે જીંદગીના કિસ્સા બની જાય છે ,
ક્યારે વાત વાત માં કવિતા નું સર્જન થઈ જાય છે,
ક્યારે કોઈકના શબ્દો ક્યારે હૃદય માં સ્થાન લઈ લે છે,
જાણતાં છતાં પણ અજાણ બની જવાય છે,
રોજ ચાલતાં હતાં એ રસ્તે,
છતાં એ ક્યારેક મંજીલ વિહોણા બની જાય છે,
જિંદગી ના હિસ્સા કિસ્સામાં ક્યારે બદલાય છે,
બસ એની જ ખબર પડતી નથી...

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2 MAR 2022 AT 13:11

અંધારું થયું ને લાગણીઓ ને સવાર પડી
આંખો દિવસ ના થાકી, પાછા વળી,
ફરી એકલતાના અંધકારમાં માં ખોવાઈ ગયા..!

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1 MAR 2022 AT 7:18

तुझसे ही ये जीवन सम्पूर्ण हैं,
तुझसे ही सारे नाते हैं,
अखंड भक्ति का तुम ही सार हो,
सब से पहले लिया जाता तेरा ही नाम हैं ।

। Har Har Mahadev ।

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28 DEC 2021 AT 18:08

जिंदगी की हर एक पहेली सुलझाते हुए
हर कोई थक जाता हैं
साथ लेकर घूमते रहते है
परेशानिया अपने कांधे पर
हर कोई चिड़ाते रहता है
कोई न कोई रोकटोक करता है
इन सब में एक मुसकुराहट से भरि जिंदगी,
किसी कोने में छिपी रहती हैं
इतनी सारी दौड़भाग में ख़ुद ही पीछे रह जाता हैं
कितना ही ऊँचा उड़ना चाहो,
कोई तो हौसलों को नीचे खिंच ही लेता हैं
साथ चाहिये ओर साथ मे अपनापन भी,
इसी ख्वाईश में इंसान खुद अकेला रह जाता हैं
ये पहेली में उलझे रहना हर किसी के बस में नहीं
थक जाते है इन पहेलियों को सुलझाते हुए...!

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28 DEC 2021 AT 18:07

कोरा पन्ना कोरा ही रह जाता है
जब तक उसे स्याहियों से इश्क़ ना हो
ओर स्याही भी ऐसे ही सुख जाती है
जब वो शब्दों में घुल मिल ना ले
शब्द का भी कोई अर्थ नहीं रहता
जब उसे कोई महसूस ना कर ले ।।।

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