Dr Vedika Singh   (Vedika)
498 Followers · 29 Following

read more
Joined 5 June 2018


read more
Joined 5 June 2018
9 SEP AT 18:16

ताउम्र ख़ुद को दरिया समझा मैंने
अपनी हस्ती में छुपा समुंदर नहीं देखा।
बाहर बहुत कुछ खोया और पाया
कभी झांक कर अपने अंदर नहीं देखा।
मौत ने जिंदा छोड़ा तो जिंदगी ने मार दिया
रेहलत का ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा।
बिन काफ़िए बिन रदीफ़ के लिखी ग़ज़ल
मैंने कलम जैसा कोई खंजर नहीं देखा।
जो ऊपर तक पहुंच जाए और तन्हा ना हो
वक़्त की क़िताब में ऐसा सिकंदर नहीं देखा।

-


4 SEP AT 8:38

दोस्तों की बातें
रिश्तेदारों के तेवर।
हालात-जज़्बात
सब वक्त की है बात।
कभी है मरहम
कभी ज़हर है।
हर बात का जवाब
बस समय के पास।

-


20 AUG AT 21:45

is "Iam going to catch my dreams before they vanish"

-


18 AUG AT 15:08

सोने के गहने
माटी की काया।
दिखने में वास्तविक
पर होती है छाया।
गौर से देखो तो
सब है पराया।
हर तरफ़ ढूंढा
कहीं ना पाया।
छल है संसार
झूठी है माया।

-


30 JUL AT 15:50

एक लड़की थी जो अपने छोटे से घर में रहती थी।उसके घर का दरवाज़ा हमेशा बंद रहता था। चाहे बाहर की दुनिया में कुछ भी हो वो हमेशा अपने घर के अंदर ही रहती थी।
हर दिन उसके दरवाज़े पर छोटी ख़ुशी आती थी और वो लड़की ये सोचकर दरवाज़ा नहीं खोलती थी कि "एक दिन बहुत बड़ी ख़ुशी आएगी तब मैं उसका स्वागत करूंगी"
ये सोच कर कभी उसने छोटी ख़ुशी को अपने घर के अंदर नहीं आने दिया।
समय बीतता गया और वो लड़की बूढ़ी हो गई।
पर कभी भी बड़ी खुशी आई ही नहीं और तब उसे समझ
आया कि हर दिन आई हुई छोटी छोटी खुशियों को लौटाना नहीं था बल्कि उन्हें घर के अंदर आने देना चाहिए था।

-


19 JUL AT 18:27

trying to fix the pieces of a broken mirror that hurts again and again

-


12 JUL AT 17:04

lesser the burden you carry
greater the height you fly

-


1 JUL AT 21:17

हर चेहरा, हर फसाना,
कब तक सच से भागेगा ज़माना।
नकाब उतरेगा,सच उभरेगा,
धुंध छटेगी और आसमान निखरेगा।

-


30 JUN AT 10:28

the more we try to hold,more it hurts
Let it go whatever it is,person, emotion or anything else
We deserve healing,bliss and purity of our soul.
Many religious teachings deny life after death and many believe in it but clearly we all know this consciousness,this body is temporary.
Our feelings like anger, jealousy, sadness are also temporary like our existence.
So forgive more, revenge less
Love more,hate less
Smile,cry and live it out today positively because tomorrow is uncertain for all of us

-


29 JUN AT 16:53

कभी कभी मुस्कुराने से
कभी बस ठहर जाने से।
कभी किसी से कह देने से
कभी रोकर बिखर जाने से।
कितना भी बुरा हो ज़िंदगी में
वो फ़िर से संवर जाती है।
मुश्किल चाहे कैसी भी हो
मुश्किल हल हो ही जाती है।

-


Fetching Dr Vedika Singh Quotes