कि तुम अब प्यार लिखो भावों का संसार लिखो सहला जाये जो मन को वो मान लिखो मनुहार लिखो
छुअन लिखो तुम वो पुरवा वाली बहती मस्त बयार लिखो जड़ हो जाये चेतन जिससे ऐसी मस्त फुहार लिखो सूरज की मकरगति से तुम आती मस्त बहार लिखो सुनो जरा! अब प्यार लिखो तुम भावों का संसार लिखो।