तुमको खुद से दूर जाते देखा है।
हमने खुद को जीते मरते देखा है।
जाने वाले कब जा कर आ पाते हैं,
हमने सूरज गँगा में बहते देखा है।-
मैं बेहद, बेइन्तहां और बेहिसाब हुँ...!
शिव के जैसा, कहाँ से मैं लाऊं
अनुपम है शिव, जग को बतलाऊं
अर्धचंद माथे, गंगा जटाओं में
ग्रीवा गरल, कंठ व्याल, काल लिपटे
रजत वर्ण, दिगम्बर कहलाएं
महादेव जैसा, कहाँ से मैं लाऊं
अमृत ही चाहे सब, विष को न चाहे
विष को जो पी ले, वो शंकर कहलाएं
भूत प्रेत, जीव जंतु जिन्हें जग त्यागे
अपनाये सबको जो,वो शिव कहलाएं
शिव के जैसा, मैं किसको बताऊँ
शिव, स्वयंभू है जग को बतलाऊं।-
you loved me as deeply as I love you.
I wish to keep you by my side forever.
I wish to hold you until we wither and turn to dust.
With all my heart, I wish we last.-
अनकही भी कह रहे हैं ये नयन सुन पाओ तो
अनसुनी बातें नयन सुन लेंगे,तुम सुनवाओ तो
एक अनहद नाद ही तो है हृदय की मौन लय
प्रेम की संचेतना लेकर कभी पास आओ तो-
You were on my mind.
I ended up with you, and
Your love left behind.
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प्रेम की अकथ कहानी,अकथ इसकी परिभाषा।
कभी निर्दयी छल करे,कभी दिखाती आशा।
शब्द नहीं जिनसे रचे प्रेम गीतों में
मौन हुए जब अधर, मुखर होती इसकी भाषा।-
चेहरे पे सुकूं, रूह में तूफान रहेगा
तू हो न हो पास, तेरे प्यार का एहसाए रहेगा
जब कुछ भी नहीं था, तो ये एहसास ही बस था
कुछ भी न रहा, तो इस प्यार का एहसास रहेगा-
बता रही बेकसी बेबसी है
ख़्वाब अरमां है परेशां
ग़म-ज़दा ज़िन्दगी है
लापता पूनम का चाँद
गुम हुई रौशनी है-