Dr.Vandana Mandal  
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कोशिश न कीजिये मेरे अस्तित्व की हद जानने की..
मैं बेहद, बेइन्तहां और बेहिसाब हुँ...!
Joined 10 September 2019


कोशिश न कीजिये मेरे अस्तित्व की हद जानने की..
मैं बेहद, बेइन्तहां और बेहिसाब हुँ...!
Joined 10 September 2019
17 HOURS AGO

अतीत से सीखा तो बस इतना सीखा
समय कितना भी हो कुसमय
मत घबराना
समय की सबसे उदास टहनी पर ही
फूटती हैं कोंपलें
उम्मीद की
उत्साह की।

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30 APR AT 11:55

दिल हमारा देख पतझड़ दर्द से भर जाएगा
ये इंतजार का रास्ता और दुश्वार हो जाएगा

आ रही हैं ज़िन्दगी में क्यों आहटें तूफान की
इस सफ़र में और कितना दूर हमनवा हो जाएगा

हसरतें सहमी कहीं गुमसुम कहीं अरमान हैं
इस राह पे चलते दिल खोखला हो जाएगा

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28 APR AT 16:23

खूबसूरत ख़त तुम्हारे नाम लिखती हूं
हर्फ हर्फ में मैं गुलाब लिखती हूं

हर पल तुमको प्यार लिखती हूं
तुमको वफ़ा की किताब लिखती हूं

गर्दिशों ने जला दिया जिन को
तुमको मैं वो सारे ख़्वाब लिखती हूं

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27 APR AT 21:06

तुम्हारा चेहरा तुम्हारी याद लिए
जी रही हूँ कितने ही घाव लिए

तुम्हारे लिए हुआ ये पुनर्जन्म
जो जी रही हूँ ये एहसास लिये

रात जलती है न बुझती है कभी
दिन निकले हैं बुझे चिराग़ लिये

कभी तुम मिल जाओगे कहीं
मैं भटकती हूँ चेहरा शाद लिए

टूटते हैं सितारे हर पल जहाँ
मिलूंगी वहीं पर तेरी चाह लिये

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26 APR AT 0:02

चाँद को अपनी बाँहों में कैसे भरें
आसमां तक मेरे हाथ जाते नहीं

खड़े ड्योढी पे बरसों से हम हैं
वो हमें अपने घर में बुलाते नहीं

वो मेरा इश्क है वो है मेरी जिंदगी
पर वो हमको गले से लगाते नहीं

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19 APR AT 10:54

गीत मे दोहे मे ग़ज़ल और रुबाई मे!
कहाँ कहाँ नही ढूंढा तुझे जुदाई मे!!

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14 APR AT 22:12

तुम्हारा हर ख्याल मुझको प्यार से प्यारा है
जिसमें देखूँ तुम्हें वो ख़्वाब भी प्यारा है

महसूस करती हूं तेरी छुअन के एहसास को
अब खुद से खुद का संवाद भी प्यारा है

निखर रही हूं रोज संवर रही हूं रोज
आइना जो देखा अपना अक्स भी प्यारा है

तुम जो होते पास तो कुछ और बात होती
दिल धड़कने का हर सबब भी प्यारा है

खुशी भी तुमसे जिंदगी भी बस तुमसे है
तेरे इश्क़ में टूटना बिखर जाना भी प्यारा है

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2 APR AT 23:39

एक नदी है उस पार
रेत के प्रेम में डूबती
कभी सूखती हुई
कभी जमी हुई रेत के सीने में
निर्बाध बहती हुई

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29 MAR AT 16:43

मन जाकर जड़ से जुड़ जाता
बुआ कहकर जब पुकारे भतीजा।

और बहुत से रिश्ते हैं पर,
सारे घर का ताज़ भतीजा।

आहत दिल को राहत दे जो,
होता वो सुर साज भतीजा।

बुआ को हरदम ये लगता,
भाई मूल है व्याज भतीजा।

आसमान उसकी हद में हो,
ले जब भी परवाज़ भतीजा।

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21 MAR AT 16:21

कि तुम अब प्यार लिखो
भावों का संसार लिखो
सहला जाये जो मन को
वो मान लिखो मनुहार लिखो

छुअन लिखो तुम
वो पुरवा वाली
बहती मस्त बयार लिखो
जड़ हो जाये
चेतन जिससे
ऐसी मस्त फुहार लिखो
सूरज की
मकरगति से तुम
आती मस्त बहार लिखो
सुनो जरा!
अब प्यार लिखो तुम भावों का संसार लिखो।

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