Dr. Sumanyu Chauhan   (डॉ. सुमन्यु चौहान✍🏻)
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Joined 15 October 2018


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Joined 15 October 2018
20 NOV 2024 AT 12:00

You keep yearning 4 ground in the ocean of lust;
I've been taught 2 float by trusting the thrust.

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28 OCT 2024 AT 10:18

In a rat race where everyone is after hOLE
Just busy searching for some pure sOUL

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28 OCT 2024 AT 10:03

बुलाती है, मगर जाने का नहीं...
यह शायरी है, इसकी भावनाओं में बह जाने का नहीं...
नशा है यह, नशे में घोल कर पीयो..;
सिर चढ़ जाएगी साहब, इसको हल्के में ले जाने का नहीं...
और तमाम मिलेंगे शायर इस शायरी की हसीन-ए-महफ़िल में..;
हर किसी की बात समझ जाओगे, इस गलतफ़हमी में आ जाने का नहीं...

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28 OCT 2024 AT 0:44

ये बात तब की है,
एक हसीन लड़की जब मेरे करीब आई थी
कुछ तो चमक वो अपने साथ लाई थी
गुलाबों की सुगंध चारों ओर छाई थी
दोस्तों ने बताया वो मुझे ही देख मुस्काई थी
बर्बाद होने की कसम तो शायद मैंने भी खाई थी
हालांकि मुझे देखकर वो बस एक बार ही शरमाई थी
पर आशिकी मेरे मस्तिष्क पर जोरों से छाई थी
ज़वानी की चमक मेरे अंदर ऐसे भर आई थी
मानो किसी ने दिल के अंदर ही आग जलाई थी
उन्हीं दिनों हाथों से हमने अपनी कबर सजाई थी
अपनी शायरी बेगाने लोगों को जा सुनाई थी
यही तो अंज़ाम होना था मेरी दिल्लगी का...
क्योंकि मैंने भैंस के आगे बीन जो बजाई थी ।।

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28 OCT 2024 AT 0:27

Once there lived a man, I used to blindly trust.
Frying my brain in a pan, he was my only lust.
Daily weed smoker with a mole on his chin
He was my joker and I was his harlequinn

His hands on my neck slowly turned me hypoxic.
My cravings for his attention made me toxic.
I call him broker as he broked my gnarly grin
He was my joker and I was his harlequinn

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28 OCT 2024 AT 0:09

जब ना-ही मिलना था तो सीधा बोलते, ऐ काफ़िर ;
क्यों झूठ बोला बेवक्त बहाने से।
ज़िंदगी में अब ना फिर मिलूंगा कभी, ऐ मुसाफिर ;
क्या ही फर्क पड़ता है मेरे जाने से।।

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5 JAN 2024 AT 14:01

उन्हें तलब चढ़ी थी नहाने की ,
और हमें आग लगी थी जाने की ।
एक माँ इंतजार में जो थी ,
बेटे को हाथ से रोटी खिलाने की ।।

मेहबूबा की बाहें छोड़ आएं हम ,
हवस पीछे छूट गई जवानी की ।
और कुछ इस तरह विरक्त हुई ,
दास्तानें हमारी कहानी की ।।

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5 JAN 2024 AT 13:53

कहदो ये उन मंज़िलों से ,
जो हैं मुझे पाने की प्यास में ।
तालाब से दोस्ती नहीं कर सकता ,
मैं तो हूँ समुद्र की तलाश में ।।

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5 DEC 2023 AT 17:14

अरे पता तो सबको होता है ..;
पर कुछ लोग खेला करते हैं ।
बस उन्हीं यादों को गालिब ..;
हम आज भी झेला करते हैं ।।

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20 SEP 2023 AT 1:25

तुम ना होती अगर तो क्या होता ,
मैं ना वफ़ा से यूं खफा होता ;
मेरे दिल के अरमां भी कबूल हो जाते ,
लिखने वाले ने किस्मत पर अगर यूं ना हगा होता ।

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