𝘼𝙙𝙙𝙞𝙘𝙩𝙚𝙙 𝙪𝙥𝙩𝙤 𝙝𝙚�... read more
ठोकरों से गिला वो करें, जिनके पैर कमजोर हैं,,
अब मैदान-ए-जंग में हैं, तो घाव से शिकायत कैसी।।
#सुहेल_अंसारी ❤️-
नफ़रत गलें लगाने वालों ,
सब पर धूल उड़ाने वालों !!
कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से,
दर्पण नहीं मरा करता है।।
#सुहेल_अंसारी ❤️-
मुझे दो रंग भरने की इजाज़त मैं बनाता हूँ
जहां बनती नहीं है कोई सूरत मैं बनाता हूं
तुम्हें तो ठीक से बरबाद करना भी नहीं आता
चलो पीछे हटो अपनी ये हालत मैं बनाता हूँ
ताल्लुक में कोई रखना बनाना सीखता है
तेरे हाथों की नरमाहट सलामत मैं बनाता हूं
तेरे हिस्स में पहले अश्क से आगाज़ करना है
बकाया कर-ए-गिरया को निहायत मैं बनाता हूं
मेरी हमदम को शिकायत है कि मैं कुछ भी नहीं करता
मेरे बच्चे समझते हैं की क़िस्मत मैं बनाता हूँ
घड़ी की सूइयां तरतीब में टिक-टिक बनाती हैं
मगर ये जगने सोने की आदत मैं बनाता हूँ।।
#सुहेल_अंसारी ❤️-
चरित्र और वस्त्र चाहे कितने भी चमकदार हो,,
देखने वाला सिर्फ दाग पर ही ध्यान देगा।।
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मैं थोड़े पुराने ख्यालों का हूं,,
दिखावे से ज्यादा निभाना पसंद है मुझे।।-
मिल ही जाएगा कभी दिल को यक़ीं रहता है,
वो इसी शहर की गलियों में कहीं रहता है,,
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे,,
और अब कोई कहीं कोई कहीं रहता है।।
#सुहेल_अंसारी ❤️-