जब हथौड़े की एक मार से ताला नही टूटता है , तो आपके एक बार समझाने से कोई कैसे समझ सकता है । ताला तोड़ने के लिए बार बार हथौड़ा मरना पड़ता है , इसलिए लोगो को अपने साथ जोड़ने के लिए बार बार समझाना पड़ता है । डॉ. सोहन वीर सिंह
उसकी गली में रोज जाने को मन करता है । उसके चेहरे को देख आने को मन करता है । रोक नही पाता हूं मैं अब अपने दिल को मरना चाहता था , पर अब जी जाने को दिल करता है । डॉ. सोहन वीर सिंह
मेरी आँखों में कई दिनों से नमी सी है , अब लगता है जिंदगी में कुछ कमी सी है . हम तो जीने लगे थे यादों में यादों को लिए . हमारी ये हंसी, अब ना हंसी सी है . डॉ. सोहनवीर सिंह .
सपने हैं तो मंजिले हैं , मंजिलें है तो रास्तें है , रास्तें है तो मुश्किलें है, मुश्किलें है तो इरादे है , इरादें हैं तो जंग है , जंग है तो जीत है जीतता वही है जो फाइटर है , और हम सब फाइटर है .. डॉ. सोहनवीर सिंह
तूने कितना दर्द सहा होगा , तेरा कितना रक्त बहा होगा . प्रकृति भी रोई होगी , धरती माँ भी ना सोई होगी , हैवानियत का मंजर देख, गगन से कितने तारे टूटे होंगे , रूहे कांप गई होगी ,जब तेरी रूह भी रोई होगी डॉ. सोहनवीर सिंह