Dr. Smrati Kulshreshtha   (संस्मृति)
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Honest, Sensitive, emotional n caring
Joined 9 August 2020


Honest, Sensitive, emotional n caring
Joined 9 August 2020
28 DEC 2023 AT 0:14

जबसे मिले हो तुम
खुशियों का दामन थाम लिया
फूलों सी मुस्कुराने लगी है जिंदगी
जब से ज़ुबां ने तेरा नाम लिया

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28 DEC 2023 AT 0:08

कभी खुशी से चलने के मौके भी दिया कर
क्यों मुश्किलें हजार दिया करती है
कर ले अपने अरमान पूरे जिंदगी
हम कौन सा हार मानने वाले हैं
देख फिर कैसे मुस्कुराते गुजरती है

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27 DEC 2023 AT 23:48

न जाने कितनी रातें गुजारी हैं
इम्तिहानों से गुजरते हुए
आज फिर वही रात है
कुछ सोच में डूबी
कुछ मुश्किल सवालों
के जबाव ढूंढती हुई

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19 DEC 2023 AT 20:00

कुछ बातों में
कुछ हालातों में
कुछ गुजरी तन्हा रातों में
कुछ यादगार मुलाकातों में
गुजरेगी जिंदगी ये कुछ ऐसे ही जज्बातों में

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19 DEC 2023 AT 19:52

तुम्हारे बिन हमारी जिंदगी में तन्हाइयां हैं
वक्त की शाख पर बिखरी रुसवाइयां हैं
सहर से शाम तक यादों में गुज़र जाती है
हमारे इश्क की ऐसी ही कुछ गहराइयां हैं

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18 DEC 2023 AT 20:26

यादों को तुम्हारी हम रखते संभाल कर
कैसे रहें कि रह नहीं सकते निकाल कर
तुम दूर भी रहे तो यह एहसास न हुआ
यादों ने तुम्हारी हमें रखा निहाल कर

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14 DEC 2023 AT 20:34

ये अधिकार कहां मिला है उनको...
जो गुजार देती हैं जिंदगी
दूसरों की ख्वाहिश पूरी करने में

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14 DEC 2023 AT 0:08

बहुत मजबूरियां हैं जो मुझे तन्हाइयां मिलती
हजारों गम से लड़ कर भी रुसवाइयां मिलती
नहीं मिलता किनारा डूबती साहिल पे आकर ही
मुझे साहिल पे आकर भी सदा गहराइयां मिलती

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12 DEC 2023 AT 23:24

मेरी खिलते से चेहरे की मुस्कान तुम
और आंखों में पानी नहीं चाहिए

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12 DEC 2023 AT 23:20

कब तलक आंखों से नींद रहेगी जुदा
क्यों ये छलती रहती है परेशानी सदा
हमारी ज़िद्द है कि हम नहीं हारेंगे
कब तलक हमारी नहीं सुनेगा खुदा

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