"जीवित रहेगा सदैव"
मृत्यु परम सत्य है
फिर इसे स्वीकारना इतना कठिन क्यों..
मेरे सिर पर आपके हाथों का स्पर्श
जीवित रहेगा सदैव
मेरे कानों में गुंजता आपके आशीर्वाद का स्वर
जीवित रहेगा सदैव
मेरे मानसपटल पे चलचित्र आपके यादों कि तस्वीर
जीवित रहेगी सदैव
मेरे हृदय में आपके होनें की अनुभुति
जीवित रहेगी सदैव
आप नहीं हो आज ,पर
मेरे अतंरमन में आपके होनें का एहसास
जीवित रहेगा सदैव...
मृत्यु परम सत्य है
फिर इसे स्वीकारना इतना कठिन क्यों...
स्मिता-
"आदत"
याद करने कि आदत थी
अब भूलने की आदत डाल रहें...
पल पल खुद के खिलाफ
हो रहे इस जंग में हम
अब जीतनें की आदत डाल रहें....
स्मिता...-
जीवन भर दिल पर मेरे
अब बोझ सा रहेगा
प्रायश्चित करें कैसे...
गलत तो गलत है
गलत को सहीं कहें कैसे...
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अच्छी बात नहीं...
जैसे बातें बंद कर दी तुमनें आज़
काश सालों पहले हीं कर देते
यूं इतने करीब आकर
फिर दूरी बना लेना
एहसासों को आवाज़ देकर
दिल से यूं खेलना
अच्छी बात नहीं....
जैसे सच जा़हिर कर दी तुमनें आज़
काश सालों पहलें हीं सब कह देतें
यू मीठी मीठी बातें कर
फिर कड़वा सच कह देना
भरोसें को रौशनी देकर
मन को यूं छलना
अच्छी बात नहीं....
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"वक्त"...
गुज़रा हुवा "वक्त"
लौट कर नहीं आता
जो गंवा दिया हमनें
वो फिर सवंर नहीं पाता....
लोग ,रिश्ते ,सपने
सब खोते चले ज़ातें हैं
वक्त पे जो वक्त उन्हें
हम देना भूल जातें हैं....
स्मिता-
मतलबी इस दुनिया में
बेमतलब कोई मिलता कहॉं
बातें मीठी मीठी कर
हर कोई छलता यहॉं....
वक्त बदल जाने पर
किसी के लिए कोई रूकता कहॉं
ज़ज्बातों से खेलकर
हर कोई बेगुनाह बनता यहॉं....
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Some feelings need to be kept locked
Deep down inside your heart
None other than you knows its value
None other than you knows its deepest fact ...-
इन्तज़ार ...
सुखद़ एहसास लगता
जब तक आस रहती
किसी के आने की
किसी से मिल पाने की।....
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तुमने कहा था तुम आओगे
हर बार कि तरह इस बार भी
मै इन्तज़ार करती रही ....-
"मुलाकात"...
महज़ उनके शहर में जाना हीं
किसी "मुलाकात" से कम नहीं
फिर मिले ना मिले हम
सुकून है उन गलीयों से गुज़रना भी...।
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