Dr.Smita Jha   (Healing❤️Touch...)
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Joined 16 June 2020


Joined 16 June 2020
31 MAY 2023 AT 17:57

"आदत"

याद करने कि आदत थी
अब भूलने की आदत डाल रहें...
पल पल खुद के खिलाफ
हो रहे इस जंग में हम
अब जीतनें की आदत डाल रहें....

स्मिता...

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26 MAY 2023 AT 23:11

जीवन भर दिल पर मेरे
अब बोझ सा रहेगा
प्रायश्चित करें कैसे...
गलत तो गलत है
गलत को सहीं कहें कैसे...

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15 MAY 2023 AT 21:55

अच्छी बात नहीं...

जैसे बातें बंद कर दी तुमनें आज़
काश सालों पहले हीं कर देते
यूं इतने करीब आकर
फिर दूरी बना लेना
एहसासों को आवाज़ देकर
दिल से यूं खेलना
अच्छी बात नहीं....

जैसे सच जा़हिर कर दी तुमनें आज़
काश सालों पहलें हीं सब कह देतें
यू मीठी मीठी बातें कर
फिर कड़वा सच कह देना
भरोसें को रौशनी देकर
मन को यूं छलना
अच्छी बात नहीं....




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11 MAY 2023 AT 13:48

"वक्त"...

गुज़रा हुवा "वक्त"
लौट कर नहीं आता
जो गंवा दिया हमनें
वो फिर सवंर नहीं पाता....

लोग ,रिश्ते ,सपने
सब खोते चले ज़ातें हैं
वक्त पे जो वक्त उन्हें
हम देना भूल जातें हैं....

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10 MAY 2023 AT 14:35

मतलबी इस दुनिया में
बेमतलब कोई मिलता कहॉं
बातें मीठी मीठी कर
हर कोई छलता यहॉं....

वक्त बदल जाने पर
किसी के लिए कोई रूकता कहॉं
ज़ज्बातों से खेलकर
हर कोई बेगुनाह बनता यहॉं....


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7 MAY 2023 AT 22:04

Some feelings need to be kept locked
Deep down inside your heart
None other than you knows its value
None other than you knows its deepest fact ...

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12 SEP 2022 AT 14:24

इन्तज़ार ...

सुखद़ एहसास लगता
जब तक आस रहती
किसी के आने की
किसी से मिल पाने की।....

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6 SEP 2022 AT 22:02

तुमने कहा था तुम आओगे
हर बार कि तरह इस बार भी
मै इन्तज़ार करती रही ‌....

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22 JAN 2022 AT 22:47

"मुलाकात"...

महज़ उनके शहर में जाना हीं
किसी "मुलाकात" से कम नहीं
फिर मिले ना मिले हम
सुकून है उन गलीयों से गुज़रना भी...।

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14 JAN 2022 AT 20:31

प्यार क्या है...

जब कोई खूबसूरत जगह कम खूबसूरत लगने लगे
किसी की कमी का ऐहसास वहाँ के हर रंग को फीका कर दे ।
जब खाने की मेज़ पर कोई पकवान देख अनायास हीं मुस्कुराने लगते हो
किसी रिश्ते का ज़ायका उस पकवान से जुड़ा हो ।
जब भीड़ में भी अकेलापन लगने लगे
किसी ऐक का ना होना वहां हर एक कि मौजूदगी को सन्नाटा कर दे ।
जब बारिश की मधुर बुंदे भी पत्थर समान लगते
किसी का ख्याल तुम्हारी आँखों को बार बार नम कर दे ।
जब वक्त से ठहर जाने कि गुज़ारिश करने लगते हो
किसी के साथ वक्त के गुज़र जाने में वक्त नहीं लगे ।
जब खुद से ज़्यादा किसी पर एतबार हो
सही और गलत के फर्क को समझना बेकार लगे ।
जब एक ज़िद और पागलपन सवार हो
किसी की खुशी तुम्हारे हर खुशी का आधार लगे ।
कभी कभी हम प्यार में होते हुए भी समझ नहीं पाते
शायद समझना भी नहीं चाहते ।
शायद डरते हैं कुछ खोने से,
जो है अभी ,उसके भी न होने से....

स्मिता




















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