हर मर्ज़ से बचाने का प्रयास करेंगे ,
आपके प्राणों की रक्षा सदैव करेंगे ।
पर क्या आप मेरी रक्षा का संकल्प करेंगे ??
#SaveTheSaviour-
WRITER
Words are nothing other than your thinking , I write what I think .
Do follow m... read more
Dear people ,
अगर आज आप एक डॉक्टर बेटी के लिए आवाज़ नहीं उठा सकते तो कल अपनी बहन, बेटी , पत्नी कि लिये महिला डाक्टर मत ढूँढना ।
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क्या हम सच में आज़ाद है ?
78 वर्ष के बाद भी हमारे देश की बेटियाँ आज़ाद नहीं है ।
हमने अपनी बेटियों को पढ़ा लिया लेकिन अपने बेटों को उनकी इज़्ज़त करना नहीं सीखा पाये ।
हम ने अपनी बेटियों को हर व्यवसाय, हर पेशे, हर खेल के काबिल ज़रूर बना दिया लेकिन उनको एक सुरक्षित वातावरण देने में नाकामियाब हो गये ।
यह आज़ादी किस काम की ?
सब व्यर्थ है , एक दम व्यर्थ !!
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मैं ना थी सुनसान सड़क पर ,
मैं तो थी अस्पताल में अग्रसर अपनी सेवा पर।
मेरा नहीं था लिबास उत्तेजित ,
आला, सफ़ेद कोट साथ बैठी थी मैं समर्पित ।
जानें बहुत सी मैंने बचायी ,
पर मेरी चीख किसी को नहीं दी सुनायी ।
दोषियों को देना कड़ी सज़ा,
वापस कर ना पाए कोई ऐसी ख़ता।
माँ रोना ना तुम ,
तुम्हारी बेटी थी बहुत बहादुर ,
लड़ी थी मैं अपनी आख़िरी साँस तक ,
लड़ना तुम सब मेरे इंसाफ़ तक।-
मैं ना थी सुनसान सड़क पर ,
मैं तो थी अस्पताल में अग्रसर अपनी सेवा पर।
मेरा नहीं था लिबास उत्तेजित ,
आला, सफ़ेद कोट साथ बैठी थी मैं समर्पित ।
जानें बहुत सी मैंने बचायी ,
पर मेरी चीख किसी को नहीं दी सुनायी ।
दोषियों को देना कड़ी सज़ा,
वापस कर ना पाए कोई ऐसी ख़ता।
माँ रोना ना तुम ,
तुम्हारी बेटी थी बहुत बहादुर ,
लड़ी थी मैं अपनी आख़िरी साँस तक ,
लड़ना तुम सब मेरे इंसाफ़ तक।-
इस होली बस व्हाट्सप पर हैप्पी होली मत बोलना ,
हो सके तो गिले शिकवे मिटा कर
गले लगा कर ,
गालों पर गुलाल लगा कर,
सब कुछ भुला कर ,
हैप्पी होली बोलना ।-
एक गुलाब तुम्हारे नाम करती हूं,
गुलाब की खुशबू को मेरी खुशबू मान लेना,
उसके कोमल स्पर्श को मेरा स्पर्श मान लेना,
और हां उसके कांटो को मेरी कमियां मान लेना ,
और उसे मुझे मान कर हमेशा अपने पास संभाल कर रख लेना।
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सुनो,
तुम जब आओ ना,
गुलाब मत लाना,
तोहफे भी मत लाना,
बस बातें ले कर आना,
थोड़ी शिकायते भी लाना,
सुनना है मुझे,
फिर मुस्कुराना है,
और मेरी मुसकुराहट से बनने वाली
तुम्हारी वो मुस्कुराहट ताकना है।
सुनो,
तुम जब आओ ना
गुलाब मत लाना।-
मेरी हस्ती रोने में थी,
की मेरी हस्ती रोने में थी,
खामखां आप हंसना सीखा गए।
चलो हंसना सीखा भी दिया,
चलो हंसना सीखा भी दिया,
तो फिर क्यूं वापस आंसुओ को हमारा हमसफर बना कर चले गए।
खेर छोड़ो
खेर छोड़ो
अपनी हस्ती को अब हम सेंत कर रखेंगे,
अपने हमसफर को याद रखेंगे।-
क्या इतना आसान था, मुझे भुला देना,
क्या इतना आसान था, पीछे मुड़ कर ना देखना।
क्या इतना आसान था, मुझ से प्यार कर के फिर प्यार ना करना।-