Dr.Shubham Saini  
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Joined 20 July 2020


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24 FEB 2021 AT 18:10

“पहले तो उसके हाथों की चूड़ियाँ ही
जानलेवा थी.
ऊपर से अब उसने मेहंदी और लगा ली.”

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24 JAN 2021 AT 14:19

हर कोई नए साल में
कुछ नया माँग रहा है,
मगर मुझे बस वही पुराना
तुम्हारा साथ काफ़ी है. 🤝

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23 JAN 2021 AT 16:30

नज़ाकत आँखों में लिए
वो उसका देखना हाय,
हम से तो शर्म के मारे
उन्हें देखा भी ना गया !! ☺️

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5 DEC 2020 AT 20:51

लोग जी रहे है बहुत से किरदार
पता नहीं कैसे
यहां तो तो जिया नहीं जाता
एक ही आसानी से...

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8 SEP 2020 AT 23:36

तुम coffee वाले से दिल लगाते रहे
और
हम दिल से चाय बनाते रहे !

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7 AUG 2020 AT 12:05

एक बच्चा मिला आज तपती सड़क पे
खाने की आरजु मै खिलोने बेचता हुआ

और देखे है मेने महलो मे बच्चे वैसे भी
जो खाना छोड़ देते है कुछ खिलौनों के वास्ते

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20 FEB 2021 AT 1:43

सोचता हूँ थोड़ा सुकून भी
डूँड लिया जाए ज़िन्दगी में,

ये ज़रूरतें तो शायद कभी
खतम नही होने वाली....

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18 FEB 2021 AT 19:34

A little goodness in me is my strength. I don’t need mistakes to learn.

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1 NOV 2020 AT 22:17

कौन अपनी घर की गलियां
छोड़ना चाहता है साहब..

ये तो कुछ जिम्मेदारिया है
जो मजबूर कर देती है....!

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29 OCT 2020 AT 22:22

इलाइची की भी अलग ही
इज़्ज़त है चाय मे....
हर किसी के लिए नहीं
डाली जाती....

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