एहसास किसी के पास होने का,किसी के संग गुनगुनाने का।
खुद को पा लेने का और खुद को उसमें खो देने का।-
कुछ पाकर कुछ खोना,
कुछ खोकर कुछ पाना,
सब कुछ देख लिया दिल ने।
पलकों पर सजाना और
सजाकर गिराना।
गिरकर संभलना और
संभलकर चलना।
सब कुछ देख लिया दिल ने।
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दिल जो धड़कने से डरने लगा था,
सबके साथ भी अकेला पड़ने लगा था।
होश होते हुए भी होश खोने लगा था,
बिना आँसुओ के रोने लगा था।
तेरे प्यार से भरने लगा,
वो खुद-ब-खुद संवरने लगा है,
तेरी खुशबू से महकने लगा।
न जाने क्या तिलिस्म है,
दिल जो धड़कने से डरने लगा था,
वो तेरे काबू में होने लगा है।-
कलम उठायी है बहुत दिनों बाद,
ये फिर से मुस्कुरायी है बहुत दिनों बाद,
खो गयी थी मानो
गुमनामी के किसी अंधेरे में,
आज खिलखिलाई है बहुत दिनों बाद,
कहना तो चाहती है बहुत कुछ
पर लिखती है फिर रुक जाती है,
चुपके से मेरे कान में कुछ कह जाती है
बहुत दिनों बाद................!-
अत्यधिक की न हो इच्छा जितना मिले,
जो मिले जीवन में उतने में खुश रहना है अच्छा।-
जब खुद के हाथ में कुछ न हो,
तो उसकी मान लीजिए।
कांटे मिलेंगे राह में बहुत,
फिर भी सब्र कीजिये।
अपने मन का न तो,
मेरे बाबा का सही।
जो देगा लाजवाब देगा।
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जब जब मैं सोचती हूं कि
कोई व्यक्ति और कितना
गिर सकता हैं या फिर
किसी व्यक्ति के और नीचे
गिरने का स्तर क्या होगा?
तब तब कोई न कोई व्यक्ति
आकर मेरा भ्रम तोड़ जाता है।
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whenever i think
someone and how much
may fall or below someone
What will be the level of fall?
then someone
My illusion breaks after coming.-
तस्वीर एक धुँधली सी
जिसकी आहट से भी
वाकिफ थी,
छवि एक उलझी हुई,
महसूस होती है
वो थमी हुई
साँसों की आवाज़,
मन के कैनवास पर
तस्वीर धुँधली ही सही है,
साफ होने पर दर्द बहुत देती है,-