Dr. Sαυrαвн Srιvαѕтαvα   (sᏒs🚀)
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Joined 17 July 2018


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Joined 17 July 2018

जमाने की आँखों में सुकून का एक इंतज़ार देखा,
नफ़रतों के अख़बार में मोहब्बत का इश्तहार देखा!

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बनती है बिगड़ती है संभल जाती है
ज़िन्दगी तो मौसम है बदल जाती है।

टूटती नहीं ये चंद झोंकों से कभी
सांस की डालियाँ है यूँ ही लचक जाती है।

कितनी मासूम है ये दिल की दुनियां
बस एक इशारे पे ही बहल जाती है।

मुक़ाबिल कौन नहीं तपन की हक़ीक़त से
परछाइयाँ फिर क्यूँ खुद से दहल जाती है।

दर्दे सैलाब से अब बचाये कौन किसको
खुदगरज़ियाँ तो बस खुदमें सिमट जाती है।

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वो लम्हे नहीं, एहसास थे
हाँ ये सच है जब तुम पास थे।
हर एक साँस में थी ज़िन्दगी
गुम हमारे होश ओ हवास थे ।
था नहीं ख़याल, अपना भी
तुम पे फ़िदा सारे जज़्बात थे।

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काश सलेट पे लिखी ये इबारत होती
ज़िन्दगी हमने भी लिखी दुबारा होती...!

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जल उठी है, जीस्त-ए-तमन्ना मेरी
तड़प उठी है रूह, कोई कहर जैसे।

रोशन हूँ तेरी महफ़िल में चरागां बनके
बुझा दिया जाऊँगा देखना कोई शरर जैसे।

रह जाऊँगा बनके टूटा सा मंज़र कोई
सिसकता है कोई यादों में खंडहर जैसे।

तुमने क्यूँ हाथ थाम के हौसला दे दिया
क़ाबिल था क्या मैं ही इस हशर के लिए।

इतनी बेरुख़ी, मेरे मुक़द्दर में क्यूँ लिखी
क्या नहीं हूँ मैं, दुनियां में कोई बशर जैसे।

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गर खुद को खुद से जुदा करूँ
फिर सफ़र कोई मैं तन्हा करूँ
इस जंगल - जंगल महफ़िल में
तब कहीं तो खुद का पता करूँ।।

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टूटेंगे कभी हम तो
जुड़ न पाएंगे
कच्चे धागों से बंधे
गिरहों में उलझ जाएंगे....!!

तुम ज़हने सैलाब को
बचाये रखना
ये जो टूटा तो, हम
अश्कों में बह जाएंगे ....!!

मायूसियां किस क़दर
छाई, रंगे महफ़िल में
जले न हम तो
अंधेरे छा जाएंगे ......!!

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The Right and the Left(Wrong)

I am slow, deep, and thorough
I am sloppy
Then
What should I do
If someone constantly tells me
"You could be more efficient"?

Those who are efficient Machines
Never understand
The joy of being not so efficient
But have fun in what you do!

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तेरे ख़याल में हम बेख़याल हो गए
नज़र में दुनियां की इक सवाल हो गए
टूटा भ्रम ये भी चलो अच्छा ही हुआ
अपने ही मकां की सूनी दीवाल हो गए

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नफ़रत के बाज़ार में
मानुष सब अंजान हो गए
बूंद बूंद को तरसे है मन
रिश्ते रेगिस्तान हो गए ...!

जाने कितनी यादें दफ़न है
दिल सारे श्मशान हो गए
हिलती डुलती उम्मीदें पर
घर सारे वीरान हो गए ....!

न साथी न साथ कारवां
रस्ते अब सुनसान हो गए
पलकों की चिलमन पे देखो
आंसू मेहरबान हो गए ....!

ना गिला ना कोई शिकवा
मौन सभी अरमान हो गए
हाथ उठाकर किससे मांगे
दैरो हरम बेजान हो गए ...!!

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