DR. SARITAA MISHRA  
132 Followers · 138 Following

Joined 14 June 2019


Joined 14 June 2019
16 DEC 2023 AT 10:49

आधी रात स्पर्श.. खुशबू और समर्पण
प्रणय निवेदन मनुहार,
पुलकित मन
आहें..निगाहें..सिहरन..और
पुलकित तन,
जीवन को आयाम देते हुये
ये अनुरंजन,
तुम कहो तो व्यक्त कर दूं
सारा समंदर बाहों में भर लूं,
तुम रात के देवता हो
तुम दिन का सुकून हो
सपनों के प्रणय देव
तुम सांसों का जुनून हो

-


16 DEC 2023 AT 10:25

गुलाब प्यार का इजहार भी है
गुलाबखुशियों की बहार भी है
गुलाब खुशबू अपनेपन की
गुलाब स्नेह का आधार भी है
गुलाब भेजने वाले एहसास है
गुलाब मित्रता की प्यास भी है
गुलाब मुरझाये दिलों को हँसा देता है
गुलाब मिलने की प्यास जगा देता है
गुलाब गिले शिकवे मिटा देता है
गुलाब पूजा है भगवान की
गुलाब रजा है इंसान की
गुलाब की माला गठबंधन है
गुलाब दिलो का चन्दन है
गुलाब प्रेम का पैगाम है
गुलाब नशे का जाम है
गुलाब रंग देता है जिंदगी
गुलाब उसकी है बन्दगी
गुलाब मैं और तू है
गुलाब हश्र और शै है
गुलाब ही गुलाब हो
जीवन मे तेरे गुलाब के कांटे निकलने को मैं हूँ

-


25 NOV 2023 AT 13:48

क्या कहूँ कि लफ़्ज़ों को

पिरोना पड़ा

उन्हें महसूस करके हमें

रोना पड़ा

रंग हर पंखुड़ी का औऱ सुर्ख हो गया

फूलों को छुआ और वो गुलिस्तां हो गया।।

-


22 NOV 2023 AT 19:05

चलो आसमानों की सैर करें
तुम हम और अपनापन हो..
बेगैरत दुनिया के फलसफे छोड़ो
आओ पहाड़ो की सैर करें..

-


22 NOV 2023 AT 7:42

इसका हर किनका
धीरे से कुछ कहता है,

संसार प्रेम में बांध
कुछ तुतलाता रहता है,

सारे बन्धन से ऊपर
माँ का रिश्ता होता है,

मेरी गोदी में तरुणाई
वयस्क ,औ बच्चा रहता है।।

-


9 OCT 2023 AT 10:12

न खैरो खबर देते हो तुम अपनी
न साँसे महसूस होती है..
ऐ हमसफ़र क्या गुस्ताखी है मेरी
बताओ इतने खफा इतने तल्ख क्यों हो??

-


3 OCT 2023 AT 17:41

कुछ टूट कर जो बिखर जाए तो आंखे ये भीग जाती हैं,
मन कोई किसी का दुखाता तो ये आंखे भीग जाती हैं,
करीबी दिल को कोई मिटाता तो ये आंखे भीग जाती हैं,
छलकते गीत उसकी याद में तो यह आंखे भीग जाती हैं,
भटकते जब ख़्वाब तेरे तो ये आंखे भीग जाती हैं,
मिट्टी गाँव की जो बिछड़े तो ये आंखे भीग जाती हैं,
आँचल की छांव जब बिछड़े तो ये आंखे भीग जाती हैं,
सूना आँगन जो देख लेती हूं तो ये आंखे भीग जाती हैं,
माँ की हथेली जो चूम लेती हूं तो ये आंखे भीग जाती हैं,

-


18 NOV 2021 AT 14:25

तू सलामत रहे धरोहर बनकर
खुशबू बहाये गुलिशतां बनकर
सबको सब मिले उनके मन का
मुझे मिला है तू बरदान बन कर

-


18 NOV 2021 AT 13:52

कही सिमट कर रही सिसकियां
अरमानो की थी कही गठरियाँ
कपोल कल्पित प्रेम पुतलियां
अपनों के हाथों छली गई हैं

-


17 NOV 2021 AT 20:11

अरमानो की बस्ती में
खुशियाँ महंगी है बहुत
कुछ दिन से मैनें
बाजार जाना छोड़ दिया

-


Fetching DR. SARITAA MISHRA Quotes