कुछ टूट कर जो बिखर जाए तो आंखे ये भीग जाती हैं,
मन कोई किसी का दुखाता तो ये आंखे भीग जाती हैं,
करीबी दिल को कोई मिटाता तो ये आंखे भीग जाती हैं,
छलकते गीत उसकी याद में तो यह आंखे भीग जाती हैं,
भटकते जब ख़्वाब तेरे तो ये आंखे भीग जाती हैं,
मिट्टी गाँव की जो बिछड़े तो ये आंखे भीग जाती हैं,
आँचल की छांव जब बिछड़े तो ये आंखे भीग जाती हैं,
सूना आँगन जो देख लेती हूं तो ये आंखे भीग जाती हैं,
माँ की हथेली जो चूम लेती हूं तो ये आंखे भीग जाती हैं,
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