Dr. Ranjana Singh   (रंजना)
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Joined 31 July 2019


Joined 31 July 2019
8 MAR AT 19:21

जग को जीवन देने वाली घोर पीड़ा सह लेती हो
अपने विविध रूप से तुम सब संताप हर लेती हो।

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8 MAR AT 18:53

संजोते हैं
अपने रक्त की एक-एक बूंद से।

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26 MAY 2024 AT 23:59

बयां कर रही थी
उसकी सूनी आंखें कि
कई रात से वो सोई नहीं ।

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25 MAY 2024 AT 0:03

कुछ इस कदर कि
तारें भी छुप गए आसमां में जाकर कहीं

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24 MAY 2024 AT 23:56

जाने क्यूं अपना बनाकर।

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23 MAY 2024 AT 23:30

दिल में उसके सवालों के नश्त़र चुभ रहें थे
पर दिमाग़ सही गलत के धागों में उलझ रहें थे।

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23 MAY 2024 AT 23:15

खुशियों के पल चुराने में
कुछ सपने संजोने में
जीवन को जी लेने में।

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23 MAY 2024 AT 23:02

जब वो बुरा नहीं है
प्यार के पीछे तो मुद्दतों से ये ज़माना पड़ा है।

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23 MAY 2024 AT 22:54

न आई उसकी कोई ख़बर
दिल परेशान हैं कितना
तू क्या जाने बेख़बर।

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23 MAY 2024 AT 22:50

उसने आज आने में
तमाम शंकाओं में
घिर गई मैं जाने-अंजाने में।

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