जग को जीवन देने वाली घोर पीड़ा सह लेती हो
अपने विविध रूप से तुम सब संताप हर लेती हो।-
Dr. Ranjana Singh
(रंजना)
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Joined 31 July 2019
8 MAR AT 19:21
23 MAY 2024 AT 23:30
दिल में उसके सवालों के नश्त़र चुभ रहें थे
पर दिमाग़ सही गलत के धागों में उलझ रहें थे।-
23 MAY 2024 AT 23:15
खुशियों के पल चुराने में
कुछ सपने संजोने में
जीवन को जी लेने में।-
23 MAY 2024 AT 23:02
जब वो बुरा नहीं है
प्यार के पीछे तो मुद्दतों से ये ज़माना पड़ा है।-
23 MAY 2024 AT 22:54
न आई उसकी कोई ख़बर
दिल परेशान हैं कितना
तू क्या जाने बेख़बर।-
23 MAY 2024 AT 22:50
उसने आज आने में
तमाम शंकाओं में
घिर गई मैं जाने-अंजाने में।-