सफर है अनजाना और हम भी अजनबी
सफर है अनजाना और तुम भी अजनबी
जिंदगी सिखा रही है हमें चलते चले जाना
सफर में दुश्मन भी है अनेक ही अनेक
और दोस्तो का भी है भरपूर खजाना
इस सफर में हर किसी ने हमें सिखाया
और हमने भी क्या खूब आजमाया
ये देखो हमें ही बार-बार कितना तपाया
और एक सच्चा मुसाफिर हीरा बन पाया
सफर है अनजाना और हम भी अजनबी
सफर है अनजाना और तुम भी अजनबी।।
Dr. Preeti Bala 🙂🖊️
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And I'm just fan of me....
जिंदगी शायरी हो गई
क्या कहा ?
हां सही सुना....
जिंदगी सच शायरी हो गई।।
हम तो दोस्ती निभा रहे थे
और जिंदगी हमें आजमा गई....
हम तो नजरें चुरा ही रहे थे
और जिंदगी कुछ नया सीखा गई....
हम तो खुदको समझ ही रहे थे
और जिंदगी दुनिया से मिला गई.....
जिंदगी शायरी हो गई
हैं ना.....
जिंदगी शायरी हो गई ।।-
" मैं इंसानियत "
आज भी लोगों को समझा रही
लोगों के आंसू पोंछे जा रही
सबका सहारा भी बन रहीं
क्या जाति और क्या धर्म
सभी को प्यार से संभाल रही ।।
पर देखो....
आज ये क्या समय आ रहा
मुझे ही आयना दिखा रहा
सब दूसरो को नीचा दिखा रहे
और बैखौफ रक्त बहा रहे
बस मैं इंसानियत शर्मशार हों रहीं ।।
आज वक्त भी पासा पलट रहा
बड़ो का सम्मान कहां हों रहा
भाईयों में भी दूरियां आ रही
लड़कियां बार- बार अपमानित हों रही
मैं इंसानियत फिर से शर्मशार हों रहीं ।।
आज काल - चक्र बस में नहीं रहा
धरती मां लहूलुहान हो रही
भयभीत हुए सब भटक रहे
दोस्त भी दुश्मन नजर आ रहा
मैं इंसानियत कहीं खोते जा रही
बस मैं इंसानियत कहीं खोते जा रही ।।-
"तैयार कर लिया खुद को मैने"
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
इन बेरहम अंग्रजों की गुलामी में
डरे सहमें रूग्ण लोगो के लिए
तैयार कर लिया खुद को मैंने॥
मेरे देश को आजादी दिलाने
रात दिन एक कर दिया मैनें
अंग्रेजो के जुल्मों से हुए बेहाल पर
रक्त को पानी सा बहा दिया मैंने॥
विदेशियों का आतंक था चारों ओर
पर मेरे डर को छुपा लिया मैंने
और सब संभालने की कोशिश किया मैंने॥
मेरे प्यारे वतन के खातिर
अपना कर्तव्य निभा लिया मैंने
और इस दर्दनाक हालात में भी
खुदको ही खुद की हिम्मत बना लिया मैंने॥
मेरे देश को आजाद करना हैं मुझे
यही उद्देश्य को सर्वोपरि बना लिया मैंने॥
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
बस चलते चले जाना है
यूं तो सब अफसाना है
हकीकत का हर रोज़ सामना हैं
लोगों से मिलना और मिलना है
बस एक दूसरे के काम आना है
चलते जाना है
बस चलते चले जाना है।।।-
मैं बारिश अब जा रही
तुम सबको अलविदा कह रहीं
यूं न जाऊंगी मैं चुपचाप
जोर शोर से मैं तो झूम रही
फिर कर दूं मैं धरा हरी भरी
बादलों में हों रहीं आतिशबाजी
मेरे लिए नदियां बांहे फैला रही
हवाओ में ठंडक फिर समा रही
झरने भी कुछ गीत गुनगुना रहे
सबके मन उमंग उत्साह से भर दूं
क्यों न विदाई समारोह का माहौल बना दूं
जाते जाते सबको अलविदा तो कह दूं।।।
By Dr. Preeti 🥳❤️-
खुदको चुप कर लिया
हम बस सोचते रह गय
आखिर अचानक क्या हो गया
पर उसका इशारा हम समझ ही गय
आगे सफर अकेले का ही हैं
बिना कुछ बोले हम भी चल दिए॥
- डॉ प्रीति
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जीवन की सुंदरता तो देखो.....
कितना मनमोहक दृश्य है आया
जीवन ने भी हमें हैं रिझाया
हम तो बस यूं ही खींचे चले आए
पर अपनो ने हमें क्या खूब आजमाया
इनकी हर गलती को हमेशा भुलाया
खुदको हर पहलू से अवगत करवाया
चलो जाने भी दो यारों - दोस्तों....
तुम सबने ही मुझे मजबूत बनाया 😎
- स्वरचित डॉ प्रीति
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जब मेरे सपनो में उड़ान हैं
तो मैं क्यों बैठ जाऊं
जब मेरा हौसला बुलन्द हैं
तो मैं क्यों डगमगाऊ
जब मेरे लक्ष्य में जान हैं
तो मैं क्यों पीछे हट जाऊं
हम ना रुकेंगे हम ना थकेंगे
मंज़िल तक चलते चले जाएंगे ॥
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बेपन्हा मोहब्बत की तुम से
खुदा के जैसे इबादत की है तुम से
अपने से ज्यादा तुम्हारी फिक्र की
बस एक किरण उम्मीद की है तुम से
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