ऐ गुजरे हुए वक्त तुझसे क्या शिकायत
वक्त ही तो है एक दिन बदल जायेगा।
खुशियों के दिन गुजरते वक्त न लगा
यह ग़म का चादर भी बदल जायेगा।।-
शब-ए-फुर्क़त से अब हमको,
फ़ुर्सत नहीं मिलती।
खुद को तन्हा कहता हूं
मगर तन्हाई नहीं मिलती।-
मोहब्बत भी तमाशा है
नफ़रत भी तमाशा है।
तेरे शहर में आज देखा
हर तरफ़ तमाशा है।
तेरे प्यार में सबकुछ
गंवा कर बस एक बात जानी है
मोहब्बत में आंसू दिखाना
भी तमाशा है।
मोहब्बत में जो उसने
रोशनी कर दी जला कर घर
बुझाने वालों ने कह दी
अरे ये क्या तमाशा है।-
ग़मों की चाहतों में, तिजारत कौन करता है
फंसे हों पांव दल-दल में,शरारत कौन करता है।
जहां तिजारत की नींव पर रिस्तेदारी बनती हो
बता वहां शराफ़त की,सियासत कौन करता है ।-
सिर्फ उंगलियां उठाने से, तस्वीर नहीं बदलेगी
तस्वीर बदलनी है, तो नये हुक्मरान पैदा कर।।-
दोस्तों की दुआओं में बड़ा असर है।
अच्छे दोस्त हों तो आसान सफ़र है।।
हर मुश्किलों से जंग जीत लेता हूं।
ऐ अपने बंधुओं के साथ का असर है।।
आप सभी से अपने जन्म दिवस पर मिले अपार स्नेह और शुभकामनाओं के लिए आप सभी का मैं बहुत बहुत आभारी हूं, जिसके लिए दिल से आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद 🙏💕💕💕🙏-
तुम सनम हो हमारे, लजाया करो।
बे वजह ना है, इल्जाम लाया करो।।
खूबसूरत खुदा ने बनाया तुम्हे।
बस नजाकत से नजरें झुकाया करो।।
रुठने का तुम्हें हक़ मिला है सनम ।
जो मनाऊं तुम्हें मान जाया करो।।
जिन्दगी के डगर ग़म किसे है नहीं।
कुछ गमों को समुन्दर डुबाया करो।।
गीत लिखता सदा गुनगुनाता रहूं।
सुर्ख होठों से नज्में सुनाया करो।।
चेहरे पर उदासी सुहाती नहीं।
तुम 'सुमन'की तरह मुस्कुराया करो।।-