गुरु वो है जिसके कदमों की खुशबू से महके बगिया सारी है
प्रेम प्यार से करें प्रकाशित जीवन, दुनिया तेरी आभारी है-
शब्दों के साधक हैं
शब्दों के तीर चलाते हैं
कभी वेदना, कभी प्रेरणा
हर तस्व... read more
चांद जब जमीं पर उतरता है
यहां ऐसा अजब हादसा होता है
जमीं का ज़र्रा ज़र्रा मुस्कुराता है
मगर देख, मेरे महबूब का नूर
चांद शर्म से मर जाता है-
कुछ इस कदर फंसे हैं जंजाल में
डूब गईं खुशियां सभी, ग़म के ताल में
बस मुस्कुरा कर छुपाते हैं, दर्द हर हाल में-
दर्द ही जब हो जाए दवा
ऐसे में हम ख़ामोशी ओढ़ते हैं
मुंह अपना खोलने से पहले
हजार मर्तबा अल्फाज़ तोलते हैं
और यारों, अक्सर हाल- ए- दिल
बयां करने को आंसू बोलते हैं-
वो न समझे हैं न समझेंगे
मेरे जख्मी दिल के जज़्बात
कुछ हम भी न कर सके बयां
जब जब हुई उनसे मुलाकात
हर बार, दिल में ही रह जाती है बात
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बिछड़ते वक़्त ये अख्तियार भी न था
सरेराह रोक कर इतना तो पूछ लेते
यूं हो गए अजनबी, क्या गिला था कोई-
किस बात से खफा है, जिंदगी
कभी तो प्यार से, मेरी तरफ देख
नाराजगी से क्या हासिल होगा तुझे
जिन्दगी का सामना करना तो है
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आज की बात नहीं, सदियों से झूठा ज़माना है
कहते हैैं लोग, जिन्दगी में मंजिल हमें पाना है
क्यों मरता है इंसान, इतना कमाने के लिए
जब कमाया हुआ कुछ, साथ नहीं जाना है
मोह माया छोड़, हमें तो खुद को पाना है-