दिल का दर्द, सिर से गुजरा है,
तोहमतें फैलीं, जिन्दगी भरा है।
अजनबी रिश्तों की बातें करते हैं,
तोहमतों के बादल, दिल पे छाए हैं।
प्यार की बातों में, उलझे हैं सभी,
तोहमतों की बरसातों में, हर दिल है खोए।
जुदाई की रातों में, चाँदनी सोती है,
तोहमतों की चादर, इन्सानियत को रोती है।
विश्वास टूटा, दिल बिखरा,
तोहमतों का सामना करना पड़ा।
आसमान में छाई अंधकार,
तोहमतों ने लिया जीवन का बहुतार।
जजबातों की खेती, खिलाई बर्बाद,
तोहमतें हैं जैसे अंधेरे का आबाद।
पर जीवन की चांदनी जलाता है इंसान,
तोहमतों को देकर, बनता है अपना इमान
-कस्तुरी सिन्हा
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