मेरें निभायें हुऐ किरदारों को,मेरी शक्सियत ना समझ लेना...ये दुनिया रंगमंच है मेरा,और मैं बस एक कलाकार। -
मेरें निभायें हुऐ किरदारों को,मेरी शक्सियत ना समझ लेना...ये दुनिया रंगमंच है मेरा,और मैं बस एक कलाकार।
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Being Intuitive is great, but Confronting everything we observe is not mandatory. Choose wisely what to think and what to respond. -
Being Intuitive is great, but Confronting everything we observe is not mandatory. Choose wisely what to think and what to respond.
लफ़्जो से लबालब…पर है ख़ामोशी प्रचुर ।सालों के लापरवाही सेचेहरें पर चढ़ी धूल ॥छुओ तो सही दिल सें,हटाओ चेहरें की धूलकिताबें हो या रूहें…देखना बोल पड़ेगी ॥ -
लफ़्जो से लबालब…पर है ख़ामोशी प्रचुर ।सालों के लापरवाही सेचेहरें पर चढ़ी धूल ॥छुओ तो सही दिल सें,हटाओ चेहरें की धूलकिताबें हो या रूहें…देखना बोल पड़ेगी ॥
मेरे हिस्से के बदलें….रब लेता है मेरा ।खून से एहसान फ़रामोश के…मैं हात गंदे नहीं करता ॥ -
मेरे हिस्से के बदलें….रब लेता है मेरा ।खून से एहसान फ़रामोश के…मैं हात गंदे नहीं करता ॥
ठगे जा रहे हैं, अपने ही सायों से मासूमियत और ईमानदारी की। गज़हब सजा पायी है । -
ठगे जा रहे हैं, अपने ही सायों से मासूमियत और ईमानदारी की। गज़हब सजा पायी है ।
उलझा रक्खा है हमको,रिवाज़ो की बंदिशों ने…वरना आँखों में ख़्वाब आज भी बहोत है । -
उलझा रक्खा है हमको,रिवाज़ो की बंदिशों ने…वरना आँखों में ख़्वाब आज भी बहोत है ।
तेरे इस हालात का….मान लिया होता हम को,हिस्सा तेरे ख़्वाब का….तो यूँ बिखरें ना होते। -
तेरे इस हालात का….मान लिया होता हम को,हिस्सा तेरे ख़्वाब का….तो यूँ बिखरें ना होते।
जुगनुओं को रिझाने में,यूँ वक़्त ज़ाया न कर ।आगे बढ़ेगा सफ़र में,तो कई सूरज मिलेंगे ॥ -
जुगनुओं को रिझाने में,यूँ वक़्त ज़ाया न कर ।आगे बढ़ेगा सफ़र में,तो कई सूरज मिलेंगे ॥
यूं हिचकियों के साथ साथ..क्यू इत्र की खुशबू आ रहीं है ज़हन से?यूं हिचकियों के साथ साथ..क्यू इत्र की खुशबू आ रहीं है ज़हन से?लगता है कोई यार पुराना,दिल से याद कर रहा है। -
यूं हिचकियों के साथ साथ..क्यू इत्र की खुशबू आ रहीं है ज़हन से?यूं हिचकियों के साथ साथ..क्यू इत्र की खुशबू आ रहीं है ज़हन से?लगता है कोई यार पुराना,दिल से याद कर रहा है।
बेवजह नहीं हैं, ये खामोशी मेरी...मुझसे बेहतर बोलने वाले भी,यहाँ अनसुने रह गए है। -
बेवजह नहीं हैं, ये खामोशी मेरी...मुझसे बेहतर बोलने वाले भी,यहाँ अनसुने रह गए है।