लहजे में बेरहमी और चेहरे पर पर्दा लिए फिरते हैं,
जिनके ख़ुद के घर है काँच के वो अपने हाथ में पत्थर लिए फिरते हैं..!!-
बहुत नादान हैं यें लड़की जो दिल की बात नहीं समझती
ना जाने किसकी बातो में हैं रहती जो मेरा प्यार नहीं समझती
और जी हाँ जी नज़ाकत से कहती तो हैं लेकिन
अल्फ़ाज़ समझ लेती है जज़्बात नहीं समझती..!!
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तुमसे मिलकर वीरां ज़िंदगी को चमक मिल गईं
काँटो से भरी ज़िंदगी को मख़मली चादर मिल गई
तुम्हारी बातें इस क़दर दिल में घर कर गई
जैसे उदासीन दिल को जीने की वजह मिल गई..।।-
Mein uski kahani me nahi par kalpanao me hu
Adhuri si zindagi me nahi par zindagani me hu
Aae takdeer-ae-khuda kya likhi tune kismat(2)
Mein uske dard me nahi uske dard-ae-zindagi me hu-
*अपनी उलझन में उलझा है मन,
तुझे साथ रखे या दूर होजाये इन्ही बातों पे मुरझाया है तन*-
Jabse ruthi h tu kismat ruthi si hai
Na jaane Iss dil ki dhadkan aaj chuti si h
Waqt ne yaado ki duniya looti si h
Kuch palo se na jaaane hua h Kya
dino ke sath ye raatein ruthi si h
Maane ya na maane tu milan ki aas aaj tak na tuti hai-
बीत गया वो जो एक फ़साना था
दिल की गहराइयो में तेरा नाम ही परवाना था
तुम थे हम थे हमारा आलना था
पल में उजड़ गया जो वो हमारा आशियाना था..।।-
तेरी गलियों से गुज़रता हूँ तो एक सन्नाटा छाया रहता हैं
तेरे संग बिताए पलों क़ि सौगंध दिल में हमारे वीराना छाया रहता हैं..।।-
आज फिर पुरानी यादों को ऐसे ताज़ा करदिया तुमने
आज
फिर पुरानी यादों को ऐसे ताज़ा करदिया तुमने
जैसे अपनी खवाइशो को दबा दिया था हमने...।।
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कर लेता हूँ बर्दाश्त हर उस शब्द की मार इसी एहसास के साथ
कि आएगी उसे कुछ समझ एक वक़्त के बाद..।।-