माना अधूरेपन की टीस दिल को खलती है
माना ख्वाहिशे मुसलसल रोती हैं,मचलती है।
पर उम्मीद की लौ भी किसी कोने में जलती है।
मुकम्मल होने पर तवज्जो दफन हो जाती है ,
अधूरी दास्तां में कम से कम सांसे तो चलती है।-
This Navratri, let us not only worship the Goddess in temples but also honor the living embodiments of Shakti around us 🌺— our mothers, wife, sisters, daughters, and friends. Empowering women is not charity; it is acknowledging the divinity and strength that already resides within them.🌺
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झुके गर्दनों को पायदान बनाना आ गया,
सियासत वाली दुनियादारी आ गई!
दिल में खंजर जुबान पे वफादारी छा गई
वाह! तुम्हें भी अदाकारी आ गई !-
शुक्रिया उन लोगों का, जिन्होंने
सही वक्त पर प्यार जताया,
सही वक्त तक प्यार निभाया;
सही वक़्त पर हाथ छुड़ाया।
...
मुझे थोड़ा और सशक्त बनाया।-
बस उतनी शिद्दत से चाहो के ज़हनी तबियत संभल जाए,
वक़्त बेवफा, सनम संगदिल बने तो भी,दम न निकल जाए।-
*Loss of your mother will change your life's perspective perpetually
*Strive for your goals early , before you lose the desire to achieve..-
सवाल हैं बहुत
खामोश है ज़बाँ
गुफतगू का अब
आलम है कहाँ ?
बातों बातों से जब
गलतफहमी पली।
सवाल जवाब से
अब चुप्पी ही भली।
थके तुष्टीकरण से,
विरक्त राजनीती से!
सवालों को रहने दो,
बक्श जबाबदेही से।
कुछ सवाल रहने दो
कुछ उबाल रहने दो
ज़िन्दगी नीरस लगेगी
कुछ मलाल रहने दो।-
हैवानियत की इन्तेहा हो गई, इंसान का रूह सो गया।
हर खबर डर की दस्तक देती है, सुकून जैसे रुखसत हो गया।
रिश्ते अब स्क्रीन पर मुस्कुराते हैं, छूने का एहसास खो गया।-
Njoy Saturday Night,
Sunday's total delight,
Overcome Monday's plight!-
हकीक़त को स्वीकार कर चलना जिंदगी का सफ़र है ,
हकीक़त से परे की अनुभूति, प्रभु बंदगी का असर है!-