न मकान, न श्मशान, न ही जनाजे होते हैं,
मुहब्बत में मेरे ख़ुदा बस खामियाजे होते हैं।
दो गज़ ज़मीं होती है, दो हाथ का लिबास होता है,
वहीं सोते हैं सब सारे, न कोई रंक न राजे होते हैं।
सुबह होती है शिकवों से, गिलों में शामें ढलती हैं,
दिलों में आहें होती है, लबों पर तकाज़े होते हैं।
सुबकियो में खनकती हैं, तरन्नुम यार के गीतों की,
नब्ज़ में थाप तबले की, धड़कनों में बाजे होते हैं।
नसीबों ने जो छापे हैं लक़ीरे-दस्तों में 'उदय',
वो घाव, रिस्ते नासूरों की मानिंद ताज़े होते हैं।-
I am a principal by profession, Radio Artist at All India Radi... read more
कतरा-कतरा रिश्तों में जी रहे हैं,
कुछ रफ़ू किए हैं, कुछ सी रहे हैं।
छलक न जाएं कहीं बेबस पलकों से,
मुस्कुरा रहे हैं और अश्क़ पी रहे हैं।
कमसिन से हैं अदाओं में अपनी,
जिंदादिली में भी सबसे हंसी रहे हैं।
कशमकश में क्यूं पड़े रहे हमेशा,
कभी किसी के, मेरे कभी रहे हैं।
जाम तो था 'उदय' हाथों में सबके,
उनकी नज़र में हम भी पी रहे हैं।-
तेरी आंखों में हमेशा ही अपनी तस्वीर देखी,
तेरे हाथों की लकीरों में अपनी तक़दीर देखी,
तेरे दिल की धड़कनों में 'उदय' धड़कता है दिल मेरा,
तुझसे खूबसूरत न मैंने इश्क़ की कोई तहरीर देखी।-
सुलगते आफ़ताब-सी तपिश तेरे प्यार में है,
हाय! ये दिल तो कब से इसके खुमार में हैं।
शाम होते ही सजा लेते हैं तसव्वुर तेरा,
कैसी कशिश ऐ यारा तेरे इख़्तियार में है।
ग़ालिब की गज़लों, फ़ैज़ की रुबाइयों से ज़्यादा,
दिलकशी-औ-रुमानियत मेरे यार के दीदार में है।
साथ चले तो बन जाते हैं गुरूर मुहब्बत का,
नाज़ अदाओं में, नज़ाकत उनके निखार में है।
खुदा की सबसे हसीन-ओ-मुकद्दस परवान है 'उदय',
निजात दिला दे दोजख से, कैसी तासीर तेरे प्यार में है।-
दो लफ्ज़ मुहब्बत के जो मुंह से निकल गए उसके,
पिघलती शमा के मोम से, हम बिखर गए उसपे।
संभाल लिया साक़ी ने हाथ थाम के उसका,
गिर न जाएं आगोश में, सोच के सिहर गए उसपे।
नाम लेने से ही आ जाती है रौनक उनकी आंखों में,
देखके आइने में वो कुछ और ही निखर गए उसपे।
दिल तो पहले ही अपना होके न रहा था कभी,
अरमान दिल के भी ख्याल से मचल गए उसके।
आंखों में क़ैद है 'उदय' वो रस्म-ए-वस्ल-ओ-विसाल,
मानने से इंकार है उन्हें, इक़रार से मुकर गए उसपे।-
जंगल में था 'उदय' हर तरफ़ मौसम मनभाया,
हर तरफ़ थी खुशियों की क्या खूब ठंडी छाया,
तभी वहां कहीं से एक खूंखार शिकारी आया,
देख इतने जानवर, जैसे उसका मन ललचाया,
सबने उसको देख, अपने घर को दौड़ लगाई,
जहां चला बस जिसका, छिपकर जान बचाई,
एक शुतुरमुर्ग की तो डर से हालत हो गई पतली,
गड्ढा खोद, अपनी गर्दन झट-से उसके अंदर कर ली,
उसको लगा जैसे वह किसी को नहीं देख पा रहा है,
शिकारी की नज़र से वैसे ही वह भी बचा जा रहा है।-
इश्क़ की शोख़ियां और हुस्न की नज़ाकत देखी,
तेरे जैसी सताने वाली न किसी की आदत देखी।
तेरी ठोकरों को भी चूम लेती है जमात-ए-आशिक़,
ख़ुदा के बाद जमाने में ऐसी न किसी की इबादत देखी।
हवाओं में घोला ज़हर, मसल डाला हर फूल गुलिस्तां का,
उसकी उदासी में कुदरत की भी ऐसी न बग़ावत देखी।
हर कोई मुकाबिल था हासिल करने को, पाने को, उसे,
दौड़-ए-इश्क़ में महबूब को पाने की ऐसी न कवायद देखी।
तेरे दामन में गिरकर 'उदय' न टूटेगा कोई भी दिल,
आज तलक दुनिया में न ऐसी कोई जमानत देखी।-
शुभ प्रभात
जीवन में, ईश्वर उन्हीं लोगों को सब कुछ देते हैं जिनको बांटना आता है, चाहे वह प्यार हो, भोजन हो, धन हो, समझ हो या सम्मान हो।
Good Morning
In life, the God gives everything to those only, who know sharing, whether it is affection, food, wealth, wisdom or respect.-
शुभ प्रभात
मां और ईश्वर के बीच एक गुण समान है; दोनों ही ग़लती करने पर हमें माफ़ कर देते हैं।
"मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Good Morning
One virtue between the God and the mother is common; both of them pardon us on committing a mistake.
"Happy Mother's Day"
-
शुभ प्रभात
यह मानवीय मन की भ्रांति ही तो है जो वह यह सोचता है कि उसे प्रसन्नता दुख दूर होने के बाद मिलेगी जबकि हक़ीकत यह है कि यदि हम अपने मन को प्रसन्न रखें तो सब दुःख दूर हो सकते हैं।
Good Morning
It is the delusion of the human mind only that it thinks that it will get happiness only after the sorrow is removed whereas the reality is that if we keep our mind happy then all the sorrows can be removed.-