Dr Ashish jha   (Ashish jha)
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Joined 22 July 2017


Joined 22 July 2017
5 DEC 2021 AT 22:47

कभी ख्याल तो कभी बेख्याल बन जाता है
तुझे पता है तू कब क्या बन जाता है.....
कभी मंजिल कभी रास्ता कभी खुद दीवार बन जाता है
तुझे पता है तू कब क्या बन जाता है
रात के मानिंद गहरे ख्वाब और फिर अकेला जगमगाता चिराग बन जाता है
तुझे पता है तू कब क्या बन जाता है.....
देखने लगूं तो पर्दा न देख सकूं तो बेपर्दा
आती जाती सांसों के साथ कम हो रहे हर लम्हें का हिसाब बन जाता है
तुझे पता है तू कब क्या बन जाता है.........
कभी खामोशी कभी शिकायत और फिर बिखरे जज्बातों की आवाज बन जाता है
तुझे पता है तू कब क्या बन जाता है...........
मन किया तो ख्याल मन न हुआ तो बेख्याल बन जाता है
तुझे पता है तू कब क्या बन जाता है...........!!

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3 DEC 2021 AT 20:25

तुम जब चाहो तभी हम मिलेंगे,
तुम्हारा जब मन करे तभी मुझसे बात करो,
तुम जितना मन करे उतना मुझसे नाराज़ रहो
सामने रहके भी चाहे तो मुझसे अनजान रहो,
मगर सुनो ना
जब भी मिलना मुझसे, गले जरूर लगाना
मन से ना सही मगर इतना हक जरूर जताना.........!!

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31 OCT 2021 AT 23:26

चाहत नफरत मोहब्बत इजाज़त ये सब कुछ तुम तय करो,
हम तुम्हें याद रहें हमारे लिए बस इतना ही काफी है।

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31 OCT 2021 AT 9:49

ये गम क्या दिल की आदत है, नहीं तो
मुझे किसी से कोई शिकायत है, नहीं तो।
किसी के बिन किसी की याद के बिन
जिए जाने की हिम्मत है, नहीं तो।
किसी सूरत भी दिल लगता नहीं, हां
तो क्या कुछ ही दिन से ये हालत है, नहीं तो।
ये गम क्या दिल की आदत है, नहीं तो
मुझे किसी से कोई शिकायत है, नहीं तो।

#jaun_aulia

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29 OCT 2021 AT 8:41

ये दुनिया उनकी जागीर है जो तन-मन से सच्चे हैं
हमे पागल ही रहने दो कि हम पागल ही अच्छे हैं.......

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25 OCT 2021 AT 20:25

तुम्हीं कहो अफसोस किस बात का करते हम
तुम्हारी बेरुखी का या अपनी बेबसी का
निगाहें नम हुई हैं और होठ कांपते हैं
तुम देख न सको हमें हम तुम्हें ऐसे झांकते हैं.........!!

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20 OCT 2021 AT 21:33

दूर से ही सही अपनी दुआ तुम तक रोज भेजेंगे
तुम देखो ना देखो
हम तुमसे बच के ही सही मगर तुम्हें रोज देखेंगे।।

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17 OCT 2021 AT 23:07

भला ये जरूरी है की नाराज़गी
हमेशा बातों से ही जाहिर की जाए,
खूबसूरत सी नजरअंदाजगी है उसकी
देखता है मुस्कुराता भी है पर
बिना एक लफ्ज़ बोले आगे निकल जाता है।
में बस आह भर लेता हूं........

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8 OCT 2021 AT 21:18

तमाम उम्र कोई किसी के साथ कहाँ चलता है........
दो चार कदम हँस के चले समझो वही अपना है......

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7 OCT 2021 AT 14:03

कल भी नही पुकारा था
नहीं आज तुम्हें आवाज दूँगा,
अब कभी नही पुकारूँगा
इतना तुम्हें विश्वास दूँगा....

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