किसी के योग्यता को नकार कर किसी अयोग्य के पीछे चलना उसका अनुसरण करना सिर्फ इसलिए की उनके पूर्वजों में योग्यता थी , एकदम अनुचित है । अब तो रोको इस परिवारवाद को हर जगह राजनीति हो या फिल्मजगत हो , ये कही भी अच्छा परिणाम नही दिखता है कृपया कर के अब तो इस विचारधारा से बाहर आइये । कब तक अपने जैसे आमलोगों को घुट घुट के मरते देखोगे।
एक दोस्त ने कहा की " मेरा स्टेटस देखकर भी उसने कुछ न बोला " मुस्कुरा दिया मैं भी उसकी खुशकिस्मती पे सबके नसीब में न होता की , जज्बातो के स्टेटस भी वो दिखा सके
मुश्किल भारी डगर पे ये रात , रात की परछाई , परछाई में अकेलापन चल दिए तेरे यादो के सहारे पर इस दिल को क्या पता न मंजिल , न मंज़िल पे तू , न तुझमे अपनापन ।