कहने को कहो कुछ,
तो कहने में सरमाती हैं।
हसने को बोलो तो,
जोरों से मुस्कुराती हैं।
पर कुछ भी कहों,
उनकी उह्ह्हु की आदत हमे बहुत भाती हैं।-
*Don't judge me by my poetry
*थी एक कहानी मेरे दिल मे क्या तुम उसे कभी समझ पाओगे?
*DON'... read more
कहा तो था उसने की
शायद राह अलग है हमारी।
पर कौन समझाए उन्हें की
राहगीर है हम और वो मंजिल हमारी।।-
ठहरा हू मैं, बस एक राह की जरूरत हैं
जो साथ चले,उस हमराह की जरूरत हैं
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चाहत की वो शाम थी,
और मोहब्बत की थी वो रात ।
अल्फ़ाज़ कम थे हमारे,
पर दिल मे थी बहुत सी बात ।
किस्से तो उनके भी बहुत थे,
और हल्की सी ठंड का एहसास।
पर सुनने की फुरसत किसे थी,
हम तो देख रहे थे सिर्फ उनके बोलने का अंदाज़ ।।-
मैं बारिश हूँ मेरा ऐतबार ना करना
कही तेरे अरमानो पे पानी ना फेर दूँ।
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ख्वाब सी थी तुम,पर ख्वाबों में ना आती थीं
धड़कन मे थी तुम,पर दिल में ना आती थीं
आंखों में थी तुम,पर नजरो में ना आती थीं
इरादा तो उनका भी कुछ यहीं था, पर कहने में शरमाती थीं-
उन्होंने पूछा कितना प्यार करते हो मुझसे,
हमने भी कह दिया :- जितना लज़्बों से बयाँ ना हो सके।
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याद ही नही करते हम उन वक़्त की यादों को
क्योंकि
यादों मे भी उस वक़्त को याद करके हमारे जख्म यादगार हो जाते हैं
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जिक्र ना करो उनके नाम का,
नही तो दिल उन्हे याद करेगा।
डर हैं की वो रुख ना करे हमारी गलियों का,
नही तो दिल उनसे प्यार का इज़हार करेगा।
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आलसी तो हम भी बहुत थे
पर तेरे इश्क़ ने कुछ इस क़दर बर्बाद किया है हमें
की घड़ी मे 12 बजे जब दोनो सुई पास आती हैं
उस वक़्त तेरी याद में हमारी भी नींद खुल जाती हैं
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