शुक्र है ज़न्नत में ब़दजातों का काम नहीं,
वरना उसे भी वो दोज़ख़ बना देते...
नेक लोगों को यहाँ चैन से जीने ना दिया,
वहाँ भी कमब़ख़्त चैन से सोने नहीं देते...-
बेटा: पापा,सुना है स्मार्ट लोगों की पहचान उनके चश्मे से होती है ।
पापा: हाँ बेटा, तभी तो तू मेरी तरह स्मार्ट है
बेटा: पर आप जितना नहीं,
आप तो स्मार्ट फोन से रोज स्मार्ट आंटियों से चैटिंग करते हैं मुझे भी स्मार्टफोन दे दो, फिर मैं भी फुलटूश स्मार्ट...😂
पापा: औकात में ...😡😡-
न पूछिए चाहत का सबब
हमें क्या मिला है,
कलियों की ख़्वाहिश में
ग़म ए ख़ार मिला है।
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धड़कता है तुम्हारे सीने में
दुज़्दीदा दिल मेरा ही तो है,
तेरी आँखों में नज़र जो आता है
वो अक्स मेरा ही तो है।-
तमन्ना थी कि इश्क था,
सागर ये बहुत ख़ूब था।
डूबे तिरे कई बार यारों,
मंज़र भी क्या ख़ूब था।-
मायूस इस कदर क्यूँ होऊँ,
हर लम्हा उदास क्यूँ होऊँ।
तोड़ दी,चुप की मज़बूरी मैंने,
घुट घुट के ख़त्म क्यूँ होऊँ।
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हमें कोई पहचान ही नहीं पाया
क़रीब से,
कुछ अंधे थे
और कुछ अंधेरे में थे...-
वक्त पर जिनके आए थे आप काम,
अगर आवश्यकता पड़ने पर वे दे दे
आप को तिलांजलि,
तो आप भी ऐसे लोगों को मृतक
मान दे दीजिए श्रद्धांजलि।
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महफिलों में तेरी साफ़गोई सुनकर
आया हूँ तेरे दर,
क्यों दरमियान झूठ बोलता है ,
यहाँ भी तो सच्ची बात कर...-
जीवन के झंझावातों में पिता मज़बूत आधार है,
जीवन की निर्दयी, निष्ठुर आपाधापी में पिता शीतल छांव है।
पिता की छांव में ही जीवन के हर सबक सहज आसान है...-