9 OCT 2020 AT 6:00

पता नही क्यूं?
शायद तुम्हारा ना मिलना
सपनों मे भी न आना
जिंदगी जैसे रुकी हुई है
इंतजार मे हि कट रहे है दिन
पता नही क्यू लेकिन
जी रहा हू तुम्हारीही याद में.
तुम्हारा मिलना मुमकिन नही
बेचैनी है फिर भी उम्मीद है
आंस है तो सांस है.
#your quote and mine

- Dr.Anil Kulkarni