मेरी अंधेर भरी ज़िन्दगी में किसी की गिरफ्त तो हो,
मेरे गांव की मिट्टी पर कोई पक्की सड़क तो हो,
और पतझड़ के मौसम सा मेरा हाल हैं, समझना ज़रा...
मेरे कुएं की प्यास बुझ जाए, इक़ दफ़ा तेज़ बारिश तो हो..!!— % &-
Gandhi medical college, bhopal(m.p.)
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“It would be wrong to think that ... read more
तारीफ़े हज़ार हैं पर कहीं नहीं जाती,
मुस्कान ना छुपाओ, तुमसे छुपाई नहीं जाती।
खूबसूरती की मैं तारीफ करता नहीं अक्सर, पर
तुम्हारी मुस्कान देख तारीफ़े मुझसे रोकी नहीं जाती।।
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मैं ख़ामोश बस इस बात पर रहा
वो शख्स अब मेरे पास ना रहा,
मुद्दत इबादत करता रहा उसकी मैं रब से
फिर उसे उसके हुस्न पर बहुत गुमान रहा,-
तस्वीरों में छुपी यादें कई,
अब कहीं गुमनाम हैं उसका नाम,
लोग कहते हैं बड़े ख़ामोश हो,
ख़ामोशी में छुपा हैं दर्द तमाम।।-
Kya shikayate karu me khuda se,
Abhi tamaam umra baaki hai,
Mehnat karne or naam kamane ko..!!-
किस सफ़र में हैं मुसाफिर,
कौनसी जगह नज़र में बिठा रहा,
ग़र हो जाए ख़त्म सफ़र, तों लौट आ,
कोई तुझे भी घर बुला रहा।।
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जान किसकी बात मान यूँ दूर चले गए हो,
तुम्हें तों मेरे पास होना चहिये था ।।-
किसी से नफ़रत बेशुमार हैं,
किसी से बेहद ज्यादा प्यार हैं,
रूहानी इश्क़ मेरा,
देखो कैसे सर पर सवार हैं।।
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जरूरतों और मज़बूरीयों के तले उन्होंने खुद के ख़्वाबों को मार दिया,
बड़ी शिद्दत से पापा ने मेरे सपनों को पाने में मेरा साथ दिया।।-
"लिखता रहूँ मैं किसी के नाम ये इश्क़,
कितना करता हैं मुझे ये बदनाम इश्क़।।"
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