Dr.ADITYA Ojha   (aaदित्य)
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मैं लिखता हूंँ, अपने अनुभव और ज्जबातों को
Joined 21 June 2019


मैं लिखता हूंँ, अपने अनुभव और ज्जबातों को
Joined 21 June 2019
28 FEB 2022 AT 20:21

सुनो
अगर अपेक्षाओं का बोझ न हो न
तो रिश्तों कि उम्र बढ़ जाती है
फिर चाहे प्रेम हो या मित्रता
तो अगर तुम्हें वास्तविक में प्रेम
है न किसी शख्स से,
किसी जगह से या फिर
किसी के साथ होने से तो
मेरे दोस्त तुम उनसे कोई उम्मीद मत रखना ।।
♥️ आदित्य ✍️

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14 FEB 2022 AT 17:59

♥️प्रेम अगर दिखाई देता
तो वह किसी फूल की तरह दिखता
जिसमें होता मधु या बनता जिनसे इत्र
यह किसी पंछी की तरह दिखता
जिसे सरहदों से कोई मतलब न हो
और वह उड़ता रहता
जहाँ–तहाँ पंख पसारे
♥️प्रेम अगर सुनाई देता
तो किसी कोयल की कूक की तरह सुनाई देता
जिसे ढूँढते हुए तुम्हारी गर्दन दुखने लगती
बांसुरी से निकली ध्वनि की तरह होता प्रेम
जिसके लिए बांस के पेड़ों ने
अपनी कुर्बानी दी होती
♥️प्रेम की अगर कोई गंध होती
तो वह ठीक उसी तरह महकती
जिस तरह रात में रातरानी
या फिर पहाड़ों से आती मटमैली गन्ध!
♥️प्रेम की छुअन अगर होती
तो वह ऐसी होती
जैसे किसी घाव पर मरहम लगाते वक़्त
कोई उसे छूता है पहली दफ़े
और मन में ही निकलती है
एक मीठी-सी आह!
✍️ आदित्य ♥️

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7 FEB 2022 AT 21:23

Some battle's we win
Some battle's we loss
Every day is a different day
So don't live in guilt 🤔
Don't punished yourself
Just flow with
Every circumstances of life
Every thing happened in right time
Don't break your self-confidence ✌️
☺️ आदित्य ✍️

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2 DEC 2021 AT 20:12

मै तुम्हारे आत्म सम्मान कि रक्षा करूँगा
तुम मेरे गुरूर को बरकरार रखना
बहस जब भी हो हमारे बीच
तुम तहजीब और तमीज को साथ रखना
और सुनो इरादा कर हि लिये हो
जीवन_संगनी बनने का तो
अच्छे दिनों में रहो या न रहो
मगर मेरे बुरे दिनों में मेरे साथ रहना🤗
♥️आदित्य ✍️

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13 DEC 2021 AT 22:31

जो जलाते है
खुद को गुलिस्ता रोशनी के लिए
उनको अंधेरी राहो में
चिरागो की चाह नही होती
वों मुश्किल दिनों में भी
हौसला रखते हैं मदद करने कि
उन्हें अपने बुरे दिनों में भी
किसी से कोई आस नहीं होती
✍️ आदित्य ✍️

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9 DEC 2021 AT 20:52

एक ख्वाब टूट गया तो क्या हुआ
हम एक नया ख्वाब और देखेंगे
है अंधेरा यहाँ तो रहे
हम रौशनी के चाह में कहीं और देखेंगे
मुश्किल_ऐ_कारवां है और धुंधला सा रास्ता हैं
अपने मंजिलों कि चाह में..…
हम रास्ते को फिर बदलेंगे
✍️ आदित्य ✍️

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6 DEC 2021 AT 19:41

अपनी तमाम अभिलाषाओं को
सीमित करते जाओगे
तो इस भागती-दौड़ती दुनिया
के साथ तुम पीछे रह जाओगे
सबकी तरह तुम भी रोटी, कपड़ा और
मकान में सारा जीवन खपाओगे
यकीं मानो मेरा
इस भीड़ से हट कर अगर तुम
एक नये रास्ते को अपनाओगे
तो ही तुम एक नया कीर्तिमान
हासिल कर पाओगे
अपने अंदर छुपे तमाम हौसलों को
सामने ला पाओगे
✍️ आदित्य ✍️

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13 NOV 2021 AT 19:15

शहर में
जब महीनों लग जाते है न
कुछ भी बेहतर हाथ न लग रहा होता है
जेब खाली होती हैं
किसी से कुछ कहने ‌में झिझक
और घर वालों से पैसे माँगने में शर्म आती है
तब कई बार मन कहता है
बेवजह जिद पाल रखा है यार चल घर चलते हैं
हमसे नहीं होगा ये सब
Background नहीं है न हमारा
दोस्त उस समय जो परिस्थितियों से लड़ा
वो सफलता को पा लिया
मगर अधिकांशतः लोग‌
इन परिस्थितियों में हार जाते हैं
और अपने ख्वाबों से समझौता कर लेते हैं
✍️ आदित्य ✍️

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11 NOV 2021 AT 18:55

ऐ शख्स
जिन सपनो को तू गाँव से लेकर निकला था कभी
शहर के आवो-हवा में भूलता जा रहा है
तेरे जूनुन का रूख अब बदलता जा रहा है
शायद समय के आगोश में तू जलता जा रहा है
किसी पिंजरे में कैद हो कोई पक्षी जैसे
तेरा किरदार अब इस कदर से ढलता जा रहा है
तू हर हाल में निकाल खुद को इन परिस्थितियों से
मुझे दिख रहा है_____
तेरा सन्नाटा तूझको निगलता जा रहा है
✍️ आदित्य ✍️

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31 OCT 2021 AT 0:05

हर एक नजर के लिए
मुख्तलिब पयाम है हम
किसी के लिए है
जहर का प्याला तो कहीं पे
है जाम हम 🤣🤗
✍️ आदित्य

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