Dr Abhishek Meena   (डॉ. अभिषेक मीना)
86 Followers · 109 Following

मेरे एहसास...
Joined 28 March 2018


मेरे एहसास...
Joined 28 March 2018
3 MAR 2021 AT 9:05

हल्की-सी धूप,ओर माथे पे पसीना है,
जिंदगी जैसे एक सफ़ीना है,
मिल-के बिछड़ना,ओर बिछड़-के ना मिलना,
वो फरवरी थी जनाब,ओर ये मार्च का महीना!

-


11 JAN 2022 AT 23:36

जिन लड़कियों के पिता नही होते,
उनके पतियों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती हैं,
उन्हे भावनात्मक संबल देने की....!

-


20 NOV 2021 AT 20:32

सब झूठा फर्ज़ निभाते हैं,
सब झूठी फ़िक्र जताते हैं,
कोई साथ नहीं देता,
सब झूठा हाथ बढ़ाते है...

-


13 NOV 2021 AT 19:58

इतना भूखा था तेरा बदन,
क्या क्या कर गया,तेरा कामुक मन,

-


19 OCT 2021 AT 20:39

नीर गिर रहा है,

नील अंबर,श्वेत घन, संग घुल रहा है,
प्रेम बिन मांगे, संपूर्ण मिल रहा है,
नीर गिर रहा है, नीर गिर रहा है...

-


20 SEP 2021 AT 11:10

#ग्रहण

यूं तो ग्रह भी सौरमंडल मे परिक्रमा करते हुए
नियतिवश मिलते ही है, तुम्हारा मेरा एक हो जाना भी एक नियति ही है,
यकीनन हम किसी नियतिवश मिलेंगे जरूर...

✍️डॉ. अभिषेक मीना

-


25 AUG 2021 AT 9:56

समाजसेवा के लिए बड़े धन की नही,
बड़े मन की जरूरत होती है!

✍️ डॉ. अभिषेक मीना

-


9 JUL 2021 AT 13:40

मां बाप की इज्जत उछाल कर,
मान-मर्यादा सब कचरे में डाल कर,
क्या मिल जाता है, तुम्हे,
मां बाप को जीते जी मार कर!

-


9 JUL 2021 AT 13:04

दिल की बात दिल में दबाना होता है,
मन की आवाज़ से भी मुकर जाना होता है,
बेटा हूं, किसी घर के का,
बेटा होने के फर्ज़ निभाना होता है!

-


27 JUN 2021 AT 11:38

अब हर रास्ता मेरे लिए खुल गया,
जब हमसफ़र तेरे जैसा मिल गया...

-


Fetching Dr Abhishek Meena Quotes