हल्की-सी धूप,ओर माथे पे पसीना है,
जिंदगी जैसे एक सफ़ीना है,
मिल-के बिछड़ना,ओर बिछड़-के ना मिलना,
वो फरवरी थी जनाब,ओर ये मार्च का महीना!-
जिन लड़कियों के पिता नही होते,
उनके पतियों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती हैं,
उन्हे भावनात्मक संबल देने की....!-
सब झूठा फर्ज़ निभाते हैं,
सब झूठी फ़िक्र जताते हैं,
कोई साथ नहीं देता,
सब झूठा हाथ बढ़ाते है...
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नीर गिर रहा है,
नील अंबर,श्वेत घन, संग घुल रहा है,
प्रेम बिन मांगे, संपूर्ण मिल रहा है,
नीर गिर रहा है, नीर गिर रहा है...
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#ग्रहण
यूं तो ग्रह भी सौरमंडल मे परिक्रमा करते हुए
नियतिवश मिलते ही है, तुम्हारा मेरा एक हो जाना भी एक नियति ही है,
यकीनन हम किसी नियतिवश मिलेंगे जरूर...
✍️डॉ. अभिषेक मीना
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समाजसेवा के लिए बड़े धन की नही,
बड़े मन की जरूरत होती है!
✍️ डॉ. अभिषेक मीना-
मां बाप की इज्जत उछाल कर,
मान-मर्यादा सब कचरे में डाल कर,
क्या मिल जाता है, तुम्हे,
मां बाप को जीते जी मार कर!-
दिल की बात दिल में दबाना होता है,
मन की आवाज़ से भी मुकर जाना होता है,
बेटा हूं, किसी घर के का,
बेटा होने के फर्ज़ निभाना होता है!-
अब हर रास्ता मेरे लिए खुल गया,
जब हमसफ़र तेरे जैसा मिल गया...-