जाने कौन बना गया ये
तन्हाई में रोने का दस्तूर,
हम तो जब उन्हें याद करते हैं
निगाहें मुस्कुरा उठती हैं।।-
क़िरदार कितने, कितनों की ख़ातिर निभाये जा रहा हूँ,
कोई तो शख़्स हो जो मुझे... read more
दिल डगमगाया ही नहीं
किसी हसीं चेहरे को देखकर,
जहां भर की खूबसूरती में मुझे
तुम सी सादगी जो नहीं दिखी।।-
इक तरफा इश्क़ के इम्तिहान में
कोई सवाल नहीं होता,
खोये रहते हैं ख्यालों में उसके,
खुद का कोई ख्याल नहीं होता
कुछ इस कदर बस गया है
मेरी रूह में वो दीपक,
कि दीदार ना भी हो कभी
तो कोई मलाल नहीं होता।।-
शराफ़त अंदाज़-ए-दीदार में कायम है अब तलक,
मुद्दतों के बाद भी मिले तो दोनों ही शरमा गए।।-
वक़्त ज़ाया कर रहे हो
मिरे दरमियाँ बैठ कर,
उसकी कही बात पर
अब यक़ीन हो रहा है।।-
ग़र गुज़र जाऊँ कभी तो
बहका-बहका सा फिरता हूँ,
तेरी गली की फिजां सनम
अब तलक नशीली हैं।।-
देर कर ही देते हैं
वयां करने में हाल-ए-दिल,
सच्चा इश्क़ करने वालों में
यही इक खामी होती है।।-
कविता, साहित्य, शेर-ओ-शायरी में
दिलचस्पी लेने वाले इंसान
आशिक मिजाज़ हो ना हो..
नरम दिल बे-शक होते हैं।।
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शाख से टूटे पत्ते का मुकद्दर क्या होगा,
टूट तो गया है इससे बढ़कर और होगा।।-
कान्हा,
जिस नज़र से नज़र मिलाकर सच बयां कर दूँ,
वो नज़र बस तुम्हारी है।।-