DOORVA BHATT   (Doorva B.)
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English & hindi writer & poet
Joined 2 May 2019


English & hindi writer & poet
Joined 2 May 2019
6 JAN AT 21:58

Nature, mother's lap,
Father's hand on head.

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6 JAN AT 21:51

वो चेहरा आज बन–संवर कर आया।
भुला दी थी मैंने बातें कई,
वो सारी यादें वो लौटा लाया।
नदियां जो बहाई कभी मैंने उसके लिए,
खुद को आज मैने बंजर सा पाया।
अब उसके लिए कुछ नहीं है इस दिल में,
हट गया है मुझसे उसका साया।
जहां खड़ी थी हवेलियां कई,
वहां बस मुझे खंडर नज़र आया।

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30 SEP 2023 AT 19:02

माँ आप मुझसे कुछ और चाह लें
पर हर बार यूं अपने से बेहतर
होने को ना बोला करें
वो तो मैं इस जन्म क्या किसी
जन्म में नहीं हो सकती।

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2 AUG 2023 AT 22:58

Are you going into some kind of marsh
It doesn't feel like it used to feel as a kid
On all the festivals, new year or big occasion, we are happy, but it's not the same. What's the reason? I don't know, but I'm losing you.

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20 JUL 2023 AT 22:19

वो रिश्तों की डोर को पकड़ी रही
हाथों में छाले पड़ गए रस्सी गलती गई
शिकायतें करे तो किससे किसी
को डर भी तो हो उसे खोने का
मगर वो डरती थी तो सब सहती गई ।

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16 JAN 2022 AT 13:30

Something i still have to figure out
If it ever happens the name would be thoughtful & suitable to my Business

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16 JAN 2022 AT 13:22

A huge library

Serenity

and happy faces

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15 JAN 2022 AT 20:09

जब मैं ये जहां छोड़ दुं
तो सिर्फ दो आँसू बहाना
इतना काफी होगा मेरे
जानने के लिए कि मैं
तुम्हारी यादों में रहूँगी
जब मैं ये जहां छोड़ दुं
तब मेरी तस्वीर पर
सूरजमुखी के फूल चढ़ाना
मुझे रोशनी और शांति का अनुभव होगा
बस यही इशारे काफी होंगे मेरे लिए
कि मैं तुम्हारी यादों में हूँ
और मेरी इच्छाओं का ध्यान रखा जा रहा है

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4 SEP 2021 AT 8:53

हर रात एक भयावह स्वप्न में बीत जाती है
किस बात का डर है
क्या चीज अंदर से खाती है
लगता है एक नई सुबह एक नया आवाहन हो
लेकिन रात का असर भोर दिखाती है
वो खुद को दुर्बल और लाचार सा पाती है
किसी से क्या बोले इसलिए
गुमसुम रह जाती है
जो भी है सब बीत जाएगा
कुछ भी नहीं रह जाएगा
इस दरिया में सब डूब जाएगा
अंत में सब शोरगुल मस्तिष्क का शांत हो जाएगा
ये सोच कर वो मुस्कुराती है
और चादर ओढ़ वो फिर लेट जाती है

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30 AUG 2021 AT 11:55

हर रूप में है, हर कण में है।
कृष्ण परमात्मा है।
हर स्वर में कृष्ण का राग है,
मेरे जीवन का सम्पूर्ण भाग है।
धरती का आधार है ,
कृष्ण मेरा परिवार है ।
मेरे अंदर की शक्ति और विश्वास है ,
जो आत्मा तृप्त करदे वो एहसास है।


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