Dolly Prasad   (✍️✍️पासवान girl ✍️✍️)
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Joined 15 September 2020


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Joined 15 September 2020
18 MAR AT 9:38

कहने को तो हर कोई यहाँ अपना सा लगता इस दिल को हर दफ़ा तेरी ही ख़्वाहिश हो,
मुसाफ़िर बन तेरी गालियों में भटकता दर-दर मानो कोई नुक्कड़ नाटक की नुमाईश हो!

तुम्हारे नसीब के क़िस्मत की रेखा नहीं मफ़िल की जीती जागती कोई अजमाइश हो,
ये जो बिन कहे ही हो जाती दोनों के रिश्तो में तकरार मानो सियासत की नवाज़िश हो,

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8 MAR AT 22:59

खुशियों का संसार है औरत,
पापा की राज दुलारी है औरत!

माँ का संस्कार है औरत
भाई का प्यार है औरत
दुष्टों का संहार है औरत
प्रेम का निराहार है औरत

नव दुर्गा स्वरूप निराकार है औरत
मानव जाति का मूल अधार है औरत

जगत जननी का बहुमूल्य उपहार है औरत
भारत की संस्कृति का नवल संचार है औरत

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8 MAR AT 18:18

जीवन के कालचक्र में उलझता चला जाता,क्षण भंगुर हैं ये सारा संसार,
राम को था अपनी ज्ञान का अभास पर रावण को ज्ञान का अहंकार!!
देख कर जलती हुई पार्थिव शरीर को,आया मन में एक अदृश्य विचार,
मेरी गति भी एक दिन यही होनी है तो क्यों कर रहे हम व्यर्थ का अहंकार!

तृष्णाओं से प्यास बुझती नहीं कही, रिश्तो को पैसो से तौल किया शर्मसार,
ना हीं कोई अपना,ना हीं कोई पराया फिर भी जीने की चाह हैं......अपार !
चेहरे से झलकता इर्ष्या के भाव मानो विरासत में मिला खानदानी संस्कार,
गरीबों को चार पैसे दान कर सुर्खियां बटोरते हजार यह कैसा है उपकार!

असहाय पर निर्मम करते अत्याचार,यही हैं इनके पतन का............ अधार,
राजा हो या महाराजा द्वेष,जलन की भावना ने किया सम्राज्य का बंटाधार!
त्रेता युग हो या द्रौपद युग इस विनाशकारी बुद्धि से नर नारी हुए तार -तार ,
राजमहल हो या छोटी सी कुटिया आपसी रंजिशसे हुए आज निराधार !

देश हो या प्रदेश जहां मिलती नहीं प्रेम की भाषा अहम से गिरता सरकार ,
ये हैं नश्वर राग, जिसमे समहित क्रोध, लोभ, विनाश, होता तिरष्कार..... !

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8 MAR AT 14:41

जटाओं में विराजमान जिसके गंगा की धार हो, गले में शोभित नागराज हो,
मृत्यु से भय हम क्यों करें जिसके कमंडल में अमृत का बहता सार हो !

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8 MAR AT 10:27

आत्मा ही सत्यम है,
जो अजर अमर, निर्विकार और निर्गुण है।
शरीर में रहकर वह खुद को जन्मा हुआ मानती है
जो कि एक भ्रम है। इस भ्रम को जानना ही सत्य है।

सर्वशक्तिमान आत्मा ही शिवम है। 
भगवान शंकर अलग हैं,
भस्मरूपी, गंगाधराय और शिवम अलग।
शिव निराकार, निर्गुण और अमूर्त सत्य है। 

सुंदरम् यह संपूर्ण प्रकृति है।
प्रकृति हमारे स्वभाव और गुण को प्रकट करती हैं ।
पंच कोष वाली यह प्रकृति आठ तत्वों में विभाजित है।
ये सब मिलकर शिवशक्ति निर्माण हुआ..
त्रिलोक में हर हर महादेव का संचार हुआ !!

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7 MAR AT 23:58

उनको मोहब्बत किसी औऱ से थी हम इकरार समझ,
बर्बादियों का सपना बुन मौत का शिकार बने जा रहे!

वहम उनको था मेरी निश्चल पावन से प्रेम पर,
ग़लत -फ़हमी का अंजाम हम आज भी झेल जा रहे!

ना ही आने की ख़ुशी रही मुख मंडल पर तेज वो,
फिर भी क्यों उसके दूर जाने की चिंता सताए जा रहे!

हम ना प्रेम के बंधन में बंधे ना ही रिश्तो की जंजीरो में
ना जाने क्यों हम दोहरी ज़िन्दगी में जिए जा रहे!

जहाँ ना ही खुशियों का संचार, बस दुःखो का विषाद,
ग़मो को गंगा जल का घुट समझ पीये जा रहे !

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7 MAR AT 23:48

जब दिल टूटता हैं तो बेशक अवाज नहीं होती पर दर्द बेहिसाब होता हैं,
आँखों से आँसू की धार तो बहती,पर गुनाहों का हिसाब नहीं होता हैं !!

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7 MAR AT 23:44

दिल जितने की चाह भी करे, तो मन से हार जाता हैं,
इश्क़ के बाज़ार में हज़ार हैं ख़रीदार पर सच्ची मोहब्बत के आगे बिक जाता हैं !!

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6 MAR AT 23:29

डीग्रीयां तो हम व्यर्थ के ही हांसिल करते हैं,
आज का जमाना हैं पैसा.फेको तमाशा देखो...💰
कॉलेज के नाम पर भ्रस्टाचार का धंधा खोल बैठे हैं,
ये भारत के ही नागरिक हैं, 💁
जो छात्रों के भविष्य को पैसो से बोली लगाते हैं !!😔

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6 MAR AT 21:24

ज़ुल्फ़ो की छाँव में हर दर्द को मुस्कुराहट से छुपा लेती हूँ,
कोई पूछता है हाल-ए -दिल तो ग़म का पता दे देती हूँ !!

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