उतना ही कठिन है तुझे भूल जाना
जितना आसान है तुझे याद रखना-
हालात कितने भी बुरे क्यों ना हो
मुस्कराकर सामना करो इसलिए नहीं कि
तुम बहुत ताकतवर हो बल्कि इसलिए
बुरे हालात वाले कैमरे में भी तुम्हारी पिक्चर
जबरदस्त आए ----------
जो कल होगा उसे कल देखेंगे
आज में जीने छोड़ने का मतलब
कल कुछ भी नहीं देख पाएंगे -----
जब वन जाने की आज्ञा मिली
सिया रघुबर के संग चली
छोड़ भवनों के सुखन
सिया राम की परछाई बनी
वन के कठिन पथ पे
सिया मुस्काके पग धरती थी
देख छवि राम की मन ही मन मुस्काती थी
कभी भोज बनाती कभी आंचल की छांव बिछाती
रघुवर पे अनन्त प्रेम सिया लुटाती थी
राम को कोई कष्ट ना हो
अपने सारे कष्ट छुपाती थी
वन के पंछी भी सिया का ऐसे साथ निभाते थे
राम के मुख पे प्रसन्नता लाने को आतुर
सारे पंछी जय सियाराम एक सुर में गाते थे-
एक उम्र कट रही है
चांद बीमार हो गया
चांद को चांद की नजर लग गई
जब से चांद को तेरा दीदार हो गया है
बात कुछ भी ना थी
जब से हमने कहा हमें तुमसे इश्क़ है
इश्क़ को दुआ लग गई
ख़ुदा से मिलकर आया तेरा नूर
एक ख़ुदा को दोबारा ख़ुदा मिल गया-
तुम्हारा दीदार ना मिले तो कोई बात नहीं
तुम साथ ना चलो तो कोई बात नहीं
तुम याद ना करो मुझे तो कोई बात नहीं
तुमसे बात ना हो तो कोई बात नहीं
बस तुम खुश रहो हमेशा
तुम्हारे होंठों पे मुस्कराहट रहे सदा
फिर चाहे कितनी भी बातें हो
मेरे लिए कोई बात नहीं ---------------
मैं मौन की कलम
तुम बैचैन की स्याही
इश्क़ हमारा गूंगा बहरा है
तुम्हें जो सुनाई नहीं देता
वही मैं बोल नहीं पाती --------
चलो कुछ बात की जाए
चाय से शुरू हो चाय पे ख़तम हो
सुबह से शाम की जाए
थोड़े से तुम रूठो थोड़े से हम रूठे
हो अगर मनाने की बात चाय से तुम मान जाओ
चाय से हम मान जाए
चलो एक चाय पे मुलाकात की जाए ---------