वो ख्वाब था या हकीकत
जब थे उनके मोहब्बत में
दिल चुरा लिया उन्होंने
और बताया हमे ख़्वाब में।
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दिन कट जाते है बहुत मुस्किल से
पर रात को क्या करू
ये आंखे ये दिल तड़प उठता है
तेरी यादों में पर याद अब क्या करू
तू ही तो थी जिसे अपने
सारे गिले सिक्वे बता कर दूर करता था ,
कितना भी तुमसे लड़ता झगड़ता पर दूर हो जायेगे
ये कभी ना कहता गई भी तो ऐसे हालात में
जिसमे न तुम समझ सकी हमे न हम तुम्हें
याद आती है बहुत तेरी पर क्या करू
सारी वजह तो मेरी थी
दूर जाना भी पास आना भी
हो गए है दूर तुमसे पर
इस दिल का क्या करू
रो रहे है की समाल लो मुझे
पर ये आंखे किससे बया करे
और अब हम तुम्हारे जज्बाजो का
क्या करूं।
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है आसमान में उड़ने की चाह
पर जमीन से कोई छोड़ता नहीं
तड़प रहे है हौंसले आसमान में
उड़ने के लिए पर पंख को मेरे
कोई खोलता नहीं ।
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हम थे कभी किसी की जान
अब हम अनजान बन गए
हो गई एक गलतमफैमी
और हम ही बेईमान बन गए-
दूर का रहे है हमारे दिल के करीब के लोग
खफा हो गए है हमारी सोच पर,
हमारे स्वाभिमान ने बताया दिया,
उन्हे दूर होने में भला है ,
ना हुए तो बर्बाद होने में सजा है ।-
मां
ईश्वर ने दिया है हमे ऐसा सौभाग्य
मां की कोख में जन्म लेना का
ये इतनी शक्तिशाली
इस लिए आदिशक्ति जगदम्बा कह लाई।
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लिख रहे हैं सब गजल में अपनी बात
हम महसूस कर रहे है ,
सबके तकलीफों के एहसास को ।-
सफ़र बड़ा है मां पापा की उम्मीदों पर खड़ा हो
ना जाने कैसे होगे सफल
हम और देंगे इन्हे इनके परिश्रम का फल ।-