राधे - राधे गाये जा ।
पाप का घड़ा घटाये जा ।।
घट-घट में जो रमता है ,
उसी के हाथों में क्षमता है ,
नाम उसी का दोहराये जा ,
कितनों को उसने तार दिया ,
तू भी भव-सागर तर जाएगा ।
राधे - राधे गाये जा ।
पाप का घड़ा घटाये जा ।।
श्वास-श्वास में जो भजता है ,
उसी के दिल में समता है ,
नाम उसी का दोहराये जा ,
कितनों को उसने अपनत्व दिया ,
तुझको भी वो अपनायेगा ।
राधे - राधे..................जा ।।
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