इन अपनों का रवैया देख, मैं हताश तो हूं ।
पर हौसला भी मुझे इन लोगों से मिल रहा ।।
इन अंधेरों को देख, मैं सहमा तो हूं ।
पर रौशन होने का सहारा भी इन अंधेरों से मिल रहा
सूनसान गलियों में खुद को अकेला देख, डरा तो हूं ।
पर इन गलियों से मंज़िल का रस्ता खोजने का, हौसला भी मिल रहा ।।
मेरे आस पास कुछ बुराईयां देख , घबराया तो हूं ।
पर इन बुराईयों में भी छिपि अच्छाई ढूंढने, मैं आज निकल रहा ।।
इन बुराईयों में भी छिपि अच्छाई ढूंढने, मैं आज निकल रहा ।।
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