when you have hurt, you cry and it's okay but when you don't cry it's More hurt and yet you don't cry then its multiply and finally you are not now that you were.
ना जाने क्यों अचानक आज तुम्हारी याद आ गई, पूरा बदन जैसे सिहर सा गया। सोचता हुं ना जाने क्यों दिल की बात दिल में रह गई और उस से पहले तुम्हे मुझ से बेपनाह नफरत हो गई। फिर भी एक अजीब सा सुकून है तुम्हे याद करने में।
कातिल हूं मैं इस कदर, मन को मार देता हूं बाते करनी हो जब तुम से। उन शब्दों को भुला देता हूं, जिन शब्दों को करनी हो बयां तुम से। उस वक्त को काट देता हूं यूं ही, गुजारनी हो जो वक्त तुम्हारे साथ। मन को मार देता हूं, कातिल हूं मैं इस कदर।
चलेंगे एक दिन तुम्हारे साथ, गुलाबी शहर में गुलाबी चाय पीने। वहीं गुलाबी फूलों की बगिया में, दीदार होगी तुम्हारी गुलाबी गालों और गुलबी होठों की लाली की। पहाड़ों पे गुलबी नजारों के बीच वहीं गुलाबी सेब तोड़ेंगे। चलेंगे एक दिन तुम्हारे साथ, गुलाबी शहर में गुलाबी चाय पीने।