तुम मेरे याद से निकल जाओ,
मैं तुम्हें उम्र भर दुआं दुंगा।।-
एक दिन शायद तुम याद करोगे...
मेरा साधारण सा चेहरा ...
हल्की सी हंसी ..
बेतहाशा फिक्र...
बेमतलब की लड़ाई...
बेमतलब की बातें...
बेमतलब के अनगिनत मेसेज...
और हां.... मुझे भी!!-
निकल आओ अब तुम मेरे ख्यालों से
ये शख़्स जो तुमसे मोहब्बत करता था
अब वो तुम्हारा नहीं रहा।-
अब वो अपने पति के साथ चैन से सोती है
जो मुझसे सालों कहती रही तुमसे बात न हो तो ठीक से नींद भी नहीं आती।-
आंसू सूखने लगे हैं
घाव भरने लगे हैं
आहिस्ता आहिस्ता !!
हम भी तुझे भूलने लगे हैं।
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किसी और के बाहों में लेटी हो,
सुना है मुझे याद करके रोती हो
ये कैसी वफ़ा थी तुम्हारी
जो न मेरे लिए हुई और न
अब उसके लिए हो पा रही हैं ,
जो तुम्हारे जिस्म को चूमे जा रहा है।
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हमें बिछड़े महीनों बीत गए
मैं भूलने लगा हूं
अब तुम्हारा स्पर्श
तुम्हारे बदन की ख़ुशबू
तुम्हारी आहट
तुम्हारी आवाज
तुम्हारी सुंदरता
तुम्हारा चेहरा
अब मेरे ज़हन में बस तुम्हारी बेवफाई बची है।।
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वो, जो तेरी कामयाबी की दुआ करती थी, दिवाकर!
याद रखना बुरे वक़्त में सबसे पहले उसी ने तुम्हें छोड़ा था।।-
मुझको लंबी उम्र की दुआएं ना दीजिए,,
मैं मारा जा चुका हूं
किसी शख्स से सालों पहले।
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आज मैंने ईश्वर से ये सवाल किया
मेरे इतने प्रार्थनाओं के बाद भी आपने मुझे वो शख़्स नहीं दिया जो मुझे चाहिए था।।
अन्तर्मन से आवाज आई सोचो कितनी गलत ख्वाहिश थी तुम्हारी,
जो तुम्हारे असंख्य प्रार्थनाओं के बावजूद मैंने तुम्हें वो नहीं दिया।।-