Diwakar Dwivedi  
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शहर में काले और गोरे दोनों रंगों का कहर है हम सांवले हैं पर कतई जहर है
Joined 17 June 2020


शहर में काले और गोरे दोनों रंगों का कहर है हम सांवले हैं पर कतई जहर है
Joined 17 June 2020
11 FEB 2022 AT 23:41

कोई पहनाने को तो कोई उतारने को तैयार बैठा है!कोई छुपाने को तो कोई फ़ैलाने को तैयार बैठा है!मतलब की इस दुनियां मै सब अपने आप को प्रसिद्घ बनाने को तैयार बैठा है! अगर जाती है आज भी कपडे उतरने से इज्जत तो इस कलयुग मै भी अपनी द्रोपती के लिये उसका भाई कृष्ण आज भी कभी ना खत्म होने वाला थान लिये बैठा है!

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26 JAN 2022 AT 23:26

ᴛᴇʀi ɪɴ ᴀᴀɴᴋʜᴏ ᴍᴀɪ ᴀᴩɴɪ ᴩᴜʀɪ ᴅᴜɴɪyᴀ ʙᴀꜱᴀɪ ᴛʜɪ.ᴜꜱ ᴅᴜɴɪyᴀ ᴋɪ ᴋᴀꜱᴀᴍ ᴜꜱᴋᴇ ʙᴀᴅ ᴍᴇʀɪ yᴇ ᴀᴀɴᴋʜᴇ ᴏʀ ᴋᴀʜɪ ɴᴀ ʀᴜᴋ ᴩᴀᴀyɪ ᴛʜɪ. ʜᴜᴀ ᴛʜᴀ ᴊᴏ ꜱʜᴀyᴀᴅ ɪꜱʜq ᴛʜᴀ ᴠᴇʀɴᴀ ɪɴᴋᴏ ᴛᴏ ᴩᴀꜱᴀɴᴅ ʜɪ ᴛᴀɴʜᴀɪ ᴛʜɪ ❤

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5 JAN 2022 AT 23:37

वो भी एक दौर था, जब थे हम इश्क के नशे में चूर,
वरना जुबान केसरी वाले साथी आज हर पल साथ हैं।😆😆



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5 JAN 2022 AT 23:10

उनकी नज़रों की दीवानगी थी नहीं तो ऩजारे तो बहुत थे,
अपना बनाया वरना,हम तो थे ही पराये सारे जहाः के ।

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5 AUG 2021 AT 22:29

भुला चुका हूँ उन्हे कबका मै.....
फिर आँखो मे आसू किसके लिये है!

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5 AUG 2021 AT 11:49

एक रोज क़िस्मत के बेहद करीब जाके बैठा ओर मुस्कुराहट से देखा..
वो भी हस के चल दी ओर बोली.... मेने तेरे अपनो को पराया होते देखा है!

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28 JUL 2021 AT 12:37

हर मुमकिन ख्वाहिश मे उनको मांगना
खुद की परछाई मे उनको पाना
दिन की हर अंगड़ाई में उनका महसूस होना
उनके लिये हमारी मोहब्बत ही तो थी,
और वो है कि हमें अपने दिल से निकाल बैठे है!

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27 JUL 2021 AT 22:38

कोई केसे अपने दुखो को जताये,
भिगी हो पलके उस पे बारिश हो जाये,
जो चले गये हो दूर ओर वापस ना आये,
नही है वो खेरियत से ये सुन के
खुदा के सामने दुआ मे हाथ खुद बा खुद उठ जाये,
है यही चाहत ए मेरे खुदा कर उन पे रहम मेरे गुनाहो कि ना दे उन्हे सज़ा!

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25 JUL 2021 AT 12:14

सोचते है क्या आज भी उनको हम याद है जिनको हर दर्द का मरहम हमसे मिला करता था या मौसम कि तरह हकीम फिर बदल चुका है!

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25 JUL 2021 AT 11:39

सब्र रख बन्दे एक दिन तुझे भी मंजिल मिल ही जायेगी
क़िस्मत थोड़ी सिक्को की मोह्ताज होती है !

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