एक वक्त आएगा जब अकेलापन तुझको खाएगा, तू मुझे याद कर रोएगी,पछताएगी पर मेरे पास लौट कर नहीं आएगी। एहसास होगा तुझे उस पल मेरा ना होना क्या है, मेरी कमी को तुम महसूस कर पाओगे तुम रात भर सो नहीं पाओगे बेचैनी तुझे तड़पाएगी तू मुझे भूल नहीं पायेगी ।।
मैं अपनी तकलीफ तुम्हें कैसे दिखाऊं, तू कहे तो तुझे सीने से लगाऊं। बेरोजगारी और अकेलेपन ने मुझे अंदर से तोड़ दिया है, मेरी महबूबा की किसी नौकरी वाले से शादी हो रही है इस बात ने मुझे झकझोर दिया है। अपनी आंसुओं को छुपाए तन्हा अपने कमरे में, "मैं" खुद से यह सवाल करता हूं, क्यों? मैं तुझसे इतना प्यार करता हूं।
सोचता हूं तुम मेरी क्या हो फिर याद आते है सबकुछ मुझे वो जज्बात वो लाड वो दुलार गुस्से में छुपा तेरा प्यार
सर्द काली रातों की हमारी मुलाकात तुम्हारे लबों से निकले हर वो जज़्बात फिर से मुझे तुम्हारे करीब लाती हैं ।। मैं तो भूल जाना चाहता हूं तुम्हारी सारी चीजों को पता नहीं फिर क्यूं मुझे याद आ जाती हैं अपनी पहली मुलाकात न चाहते हुए भी मैं तुम्हारा ही रह जाता हूं।। फिर तुम्हारी कमी को महसूस मैं कर पाता हूं फिर सिगरेट जलाता हूं फिर तुम्हारी यादों मे खो जाता हूं।।।
कुछ भी तो नहीं बचा मेरे पास सिवाय तुम्हारे मेसेज के, इन्हें देखकर ही तो मैं मुस्कुराता हूं ! तुम्हारे साथ अपने काल्पनिक दुनियां में रहने के मैं सपने सजाता हूं , वास्तविकता में आता हूं तुम्हें किसी और की बाहों में मैं खुश पाता हूं!! मैं फिर मुस्कुराता हूं। जिस तरह से फेरते हो तुम अपने बच्चों के गालों पे हाथ,, मुझे भी याद आने लगती हैं अपनी पहली मुलाकात।।
छोड़ना ही तो था मुझ बदनसीब को उसने , सीरत प्यारी थी मेरी सूरत नही हजारों कमियां निकाली गई मुझमें मेरी हर गलती गिनाई गई मुझे, अंत में ये हुआ मैं उसकी जात वाला न हुआ कोई रोजगार वाला ले गया एक बेरोजगार की रानी।।