कितना अच्छा होता?
अगर दो अजनबियो की तरह गुजर जाती,
तुम्हारी जिंदगी मेरी जिंदगी के करीब से।
कितना ही अच्छा होता न?
न हमारी कोई मुलाकात होती
न उस मुलाकात में कोई भी अलग बात होती
में कभी तुम्हारी न होती,
और तुम्हारी यादों में बीती मेरी कोई रात न होती
कितना अच्छा होता न?
अगर उस रोज़ तुम न होते,
वो हाथ पकड़ना तुम्हारा, हमें यू थामना न लगता
वो शर्म से पिघलना हमारा, तुम्हे कोई मजाक न दिखता
तुम में डूबना हमें यू बेवजह सा ही लगता।
कितना अच्छा होता न?
मेरे मन को तुम्हारी रूह को समेटना न होता
तुम्हे जोड़कर यू खुदको तोड़ना न होता;
न रहती वो सोच मेरी जो मुझे मुझसे ही अनजान करती है
न होती वो जिंदगी मेरी जो किसी की बुनियादो पर कहा चलती है?
में बस वैसे ही रहती, जैसी थी उस रोज़ हमारी मुलाकात से पहले,
ऐसी ही रहती बिना किसी प्यार के रहते।।-
& hard to get through your head
Mind is full of both logical &... read more
It's you who think
Thing's are turning wrong way now
But it was never right from the start
So, learn the things which was destined to get learnt
Learn your path which was destined to be chosen
Learn yourself before you lost the one you engraved in yourself somewhere...-
कितना अच्छा होता?
अगर दो अजनबियो की तरह गुजर जाती,
तुम्हारी जिंदगी मेरी जिंदगी के करीब से।
कितना ही अच्छा होता न?
न हमारी कोई मुलाकात होती
न उस मुलाकात में कोई भी अनोखी बात होती
में कभी तुम्हारी न होती,
और तुम्हारी यादों में बीती मेरी कोई रात न होती।
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IT WILL ALWAYS BE YOU
You were there, When everything was mere
We were just kids, Who used to share
Time was good , But we never really care
Now getting to know why you were actually there...
Life was quite fun, when you used to be there.
Sharing those miseries which I guess, no one would ever care.
Now, thinking of those times which we used to share
I guess It will always be you whom I care
It will always be you whom I care...-
चलो और ये वक्त नही गवाते है,
और जिंदगी के उस पार, तुम्हे खुदसे मिलाते है,
जहां खुदमे तुमने कुछ तो देखा था,
वहा जहा,
तुम्हारी खुशियों का एक प्यारा सा बसेरा था।
जहा तुम्हारी सोच तुम्हारी ही हुआ करती थी।
छोटे छोटे सपनो की,
उन उड़ानों से नजाने क्या ही सिया करती थी;
तब इन बहकावे के जालों से, अंजान जो रहा करती थी,
नादान सी थी, लेकिन फिर भी खुशहाल रहा करती थी।
हां माना जिंदगी के हर पहलू की समझ,
उसमे शायद तब इतनी नही आई थी।
पर खुदपे उसका विश्वास वो जरूर कहीं से भरकर लाई थी।
वैसे चाह राह की बातें उससे अच्छी कौन ही जानता था?
जिंदगी से वो वादें उससे बेहतर कौन ही मानता था?
खुदको उस पार देखकर,
क्यों गुमसुम से रहते हो?
क्यूं तुम इस जिंदगी के भवर में,
अपनी ही छोटी सी जिंदगी भूल बैठे हो?
याद करो वो पल, जब तुम खुल के हसा करते थे,
बिना आगे पीछे की परेशानियों से,
बस खुलके जीया करते थे।
वक्त बेवक्त की मारी कब तुमने वो जिंदगी खोदी,
जिसे शायद तुम बचपन कहा करते थे।।-
"IT CAN'T BE YOU"
It's not like,
I never looked at you the way,
You wanted
It's not like,
I never understood the meaning
around those words
That concerns your heart and soul
It was never like,
I didn't understand the rhythm of those hearts,
Which always made me feel
delighted as well as stressful
from those burning past
It's just,
I don't want you to,
See this miserable side of mine,
It can never be good if you stay in
this bitter world of mine
It's just,
I clearly know what I deserve
And I clearly say
"It can't be you".-
"सिलसिला - 2"
जिंदगी ने सिलसिला बदलना चाहा
फिर एक के मन में उम्मीद का चिराग सजाया
लेकिन दूसरा,
वो उसी कश्मकश से मारा था
जिंदगी की रीत जाने बिना, जिंदगी से ही हारा था।
फिर क्या होना था?
नोक झोक के ये झगड़े, कब उनके लिए एक तूफान बने
इसी चीज़ के, सोच विचार से कब उनके लिए वे अंजाम सजे
जो कोई नहीं जानता था।
जो कभी एक दूसरे के साथ रहा करते थे,
सुकून की तलाश में एक दूसरे को ही तराशा करते थे,
वक्त के हाथों ऐसी मात खा बैठे,
की,
जहा एक दूसरे को समझना था,
वहा बस खुद को ही जान बैठे।
फिर क्या?
बस साथ छूटा, राह छूटी
दोनों के दरमियां रह गए बस वो एहसास,
और रह गई वो उलझन;
की कुछ था भी क्या उनके दरमिया कभी?
नहीं बिल्कुल नहीं...
बस वक्त बेवक्त के मारे थे वह
जिंदगी के इस सिलसिले से जो हारें थे वह।।-
"सिलसिला"
सिलसिला उनसे मिलने का,
उस एक नज़र से
दिल में सकून सा छा जाने का।
लेकिन हर उम्दा मोहब्बत की तरह
इसमें भी एक मोड था
किरदार दोनों सुहाने थे
तभी तो इनका एक जोड़ था,
हट्टी मिजाज़ दोनों,
एक दूसरे को आजमाना चाहते थे,
लड़के झगड़के कुछ तो अपनी नोक झोक से
कोई रिश्ता बनाना चाहते थे।
ऐसे ही चलते दिन गुजरे, रातें बीती
पर वो बस वही रह गए...
-
Sometimes crying is better
That's what all people talk about
Right?
But, what's the point if it doesn't help in anyway
There's nothing in this sphere to concern about
Unless you decide to change it in your favour
Just creating a habit of calming down
Doesn't set you in the right path,
Right?-
आदतें,
किसी के साथ मुस्कुराने की,
किसी के संग साथ निभाने की,
उन डगमगाते रास्तों का सफर,
यूंही तय कर जाने की,
और अंत में... उन रास्तों की खुशबुओं में खुदको मदहोश पाने की।
.
सच कहूं तो,
तब भी एक एहसास बाकी सा रहता था,
की इतनी भी खुश नही हु में,
वो लम्हा फिर मुझे हमेशा यू कटा कटा सा लगता था।
.
हां सच कहा... इतनी भी खुश कहां थी मैं,
नादान थी,
अपने परायों से अंजान थी,
नए नए लोगो के संग अपने तजुर्बे बनाना शायद, मुझे कुछ ज्यादा ही भाता था।
दो से चार, चार से ग्यारह इन्ही गिनतियों में तो वक्त बिताना कुछ ज्यादा ठीक लगता था।
पर वो वक्त बदला,
और शायद खोई हुई में भी।
.
अब, कुछ खास याद नही पर,
याद है तो वो लोग जो मेरे अपने थे,
याद हु में,
जिसे दिल दिमाग का फर्क करना कभी आता ही नहीं था,
हां सच कहा,
बचा तो कुछ खास नहीं अब,
पर अब भी वो एहसास बाकी है,
वो एहसास जहा इंसान को,
उसकी खुशी रास कहा आती है।।-