Divyanshi Sagar   (S.divya)
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Joined 28 June 2018


Joined 28 June 2018
24 NOV 2018 AT 8:02

सबकी अपनी जिंदगी अपने तजुर्बे हैं,
कोई ताउम्र साथ निभाए,
या बीच से ही चला जाए तो क्या होता हैं...
दिल आखिर तू क्यों रोता हैं?
हर पल एक नया मौसम हैं,
इस जहाँ मे सबका अपना अपना ढंग हैं,
कोई हमेशा धोखा दे,
या हर पल तुम पर विश्वास करे,
ऐसा थोड़ी होता है...
दिल आखिर तू क्यों रोता है?
हर वक़्त कोई गैरो के साथ अपना,
और अपनो के साथ ग़ैर बनकर रहे,
ये जरुरी तो नहीं होता है..
दिल आखिर तू क्यों रोता हैं?

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11 NOV 2018 AT 10:22

It all started with the glitter in her eyes turning into the fear in his mind....

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30 OCT 2018 AT 18:53

मूसलाधार आँधी मे जलती राख़ सी हूँ मै,
मुर्दे को भी साँसों के लिए तड़पादे इस कदर खौफनाक सी हूँ मैं....

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28 OCT 2018 AT 17:02

हर घड़ी जिन्हे हमने चाहा,
आज वो हमे भुलाए बैठे है
जो करते थे कल तक हम पर अपना सब कुछ कुर्बान आज,
वो ही हमारे बारे मे किसी को बताने मे भी शरमाते है
उनके ऐतबार पर विश्वास करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी शायद,
क्योंकी करते थे जो कल तक रिश्ते निभाने की बाते,
आज वो ही सब सीमाएँ लाँघ बैठे है
भला किसी ओर से क्या रखूँ उम्मीद जब मेरे होटों पर मुस्कान लाने वाले ही आज मुझे रुलाए बैठे है.....

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28 AUG 2018 AT 22:05

रूठ कर भी,
खिले हुए फूलो से मुस्कुराहट छीनना
जानती हूँ मैं
हल्की सी चलती हवाओ से खुशियाँ बांटना
जानती हूँ मैं
अंजनी राहो मे भटक कर भी दिल बहलाना
जानती हूँ मैं
भटकी हुई मंजिलो को उम्मीद की रौशनी मे तलाशना
जानती हूँ मैं

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28 AUG 2018 AT 19:50

it's the best way I could express myself....

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27 AUG 2018 AT 21:35

If I could go back in time I would like correct my mistakes so that things can fall in right place yet again....

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22 AUG 2018 AT 13:07

वो खुली किताब सा बंद था,
जिसने मेरे हर पन्ने को महकाया था
वो उस कलम की स्याही सा था,
जिसने लिखना मुझे सिखाया था
वो उन आज़ाद परिंदो सा था,
जिसने उड़ना मुझे बतलाया था

वो कोयल सा जब गाता था,
मै तितली बन मुस्काती थी
वो चुपके से जब आता था,
मै कलियों सी खिल जाती थी
वो घंटों बाते करता था,
मै भी खूब उसे सताती थी
वो जब पानी सा बन जाता था,
मै भी शरबत बन उसमें घुल जाती थी

वो बनता बड़ा बेवफा था,
पर मै भी बेवफाई की हदो से निकलकर आई थी
वो जाता था जितना दूर मुझसे,
मैं उसे उतना ही करीब लाई थी

शायद वो कुछ अनकहे जज़्बात ही रहे होंगे,
जिनको न वो कभी जता पाया
और न ही मैं समझ पाई थी.......


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14 AUG 2018 AT 18:05

सोचा नहीं,
की कभी जिंदगी हमें इस मोड पर ले आएगी,
जब तुमसे दिल भर के बाते करने को जी चाहेगा,
मगर
जुबां अपनी चुपी ना तोड़ पाएगी,
जब हर वक़्त दिमाग़ मे बस तुम होंगी और,
तुम्हारे आते ही हमारी नज़रे किसी बुसदिल की तरह,
फिरर जाएंगी,
जब रिश्तों के चक्रव्यू मे मै कुछ यूँ उलझ कर रह जाउंगी,
की रूह शरीर मे तो होंगी मगर,
खुद को मुर्दा पाऊँगी.....

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13 AUG 2018 AT 18:10

The only person who really deserves to be loved by you is,
you yourself....

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