Divyanshi Rajput  
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Joined 8 April 2018


Joined 8 April 2018
16 JAN 2020 AT 2:34

तुम्हें जाना है तो तुम चले जाओ
कितनी भी दूर इन नज़रो से।
दिल से तुम फिर भी कभी बहार
निकलने की राह नहीं ढूंढ़ सकोगे।

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19 DEC 2019 AT 2:56

एक इश्क़ है जिसे समझकर भी समझ नहीं पाता .
एक तू है जिसे चाहकर भी भूल नही पाता . .
एक अजनबी है जो दूर जा रहा है कही . .
एक आस है जो दिल से जाती नही कभी . .
एक ये इंतज़ार जो सदियों सा लंबा हो रहा है . .
एक अपना सा मुसाफिर है जो राह नई चुन रहा है . .
एक मैं हूं , किसी राह पर , मुंतज़िर . . किसी खोये राही की तलाश में . . या फिर किसी के इंतजार में . .

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21 NOV 2019 AT 14:40

समझौता करना सीखा नहीं हमने जिंदगी में, वो तो बस तुम्हारा सच्चा दिल दिख गया हमे।

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19 NOV 2019 AT 23:54

रंगो से रंगीन ये दुनिया कहां रंगीन है,
जब तक बारिश न हो तो मौसम गमगीन है,
आंखों से गिरता पानी नमकीन है,
अब अपने जज़्बात अपने लिए ही हसीन है।

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16 NOV 2019 AT 12:11

रंग इस दुनिया में नहीं अपने दिल में भरते हैं हम,
अब खुद में भी तुमसे ही मिलते हैं हम।

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13 NOV 2019 AT 0:03

बस यू समझ लो कि सुकून का एहसास कराती है एक आवाज़..
सबके साथ नहीं होता ऐसा, तुम हो कुछ खास..

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8 NOV 2019 AT 1:47


अब आँखे खोलकर भी ख्वाब तुम्हारे आते हैं..
नींदो में भी तुम्हारे खयाल आते हैं..
क्या होता है दोस्ती या प्यार..
हम तो ना जाने तुम्हें कितने अर्से से पहचानते हैं..

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7 NOV 2019 AT 0:21

तेरे दर पर मैं था..
तेरे दर पर वो था..
तेरे दर पर सुकून था..
तेरे दर पर सारा जहां था..
अगर कुछ नहीं था तो वो था
हमारा साथ.................

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6 NOV 2019 AT 23:30

Kuch darwaze teri oor jaate h,
Kuch tujhse dur le jaate h..
Sukoon chahti h zindagi,
Par manzil kuch aur hi chahti h..

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4 NOV 2019 AT 23:32

teri aankhon ki gehrai mei kuch iss kadar doob jaane ka mn karta hai,
ki doobkar inn gehraiyo mei-inn gegraiyo ko hi chura lene ko jee chahta hai.
aankhe tumhari agar kuch kehti hai,
ghav seedha dil par karti hai.
dhadkane tezi se badhti hai,
magar ahista-ahista dil mei hi ye kehti h. ki..
ishq tumse karte hai bahut,
par jatana nahi hai mujhe.
inn jazbaato ka imtehaan diya jaaye,
ye jaroori lagta nahi mujhe.
magar nazre tumhari kayi jaam aur paimaano ka asar kar jaati hai,
yahi ek nasha hai jo meri nazre tumhari nazro se har baar karna chahti hai.
mohabbat to sab karte hai aankho se,
magar hume inn nazro se dosti karni hai.
kyuki tum kisi aur par marte ho shayad,
aur hum fir bhi tum par jaan-nisaar hai.❤

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