तेरे नसीब में
तेरी सोच से भी ज्यादा लिखा है
बस तेरे नसीब का समय
अभी नहीं आया है
कर तू थोड़ा इंतजार और सबर
फिर तो जमाना भी देखेगा
कि तेरे नसीब मैं जो मिलना था
वह तेरी मेरी सोच से भी परे था
जिस नसीब को लेकर तू आज रोता हैं
उस ही नसीब के कारण 1 दिन
हर एक महफिल मैं
सिर्फ तेरी ही चर्चा होगी
सिर्फ तेरी ही चर्चा होगी-
करो ना ज़िद उनसे मिलने की
जिनको आप से मतलब नहीं
मिलो ना कभी उन लोगों से
जिनको तुम्हारी कोई कदर नहीं
क्योंकि फर्क नहीं पड़ता हैं
किसी को किसी की तकलीफ से
सबको फर्क पड़ता है
सिर्फ अपनी ही तकलीफ से
ना जाने लोगो का ये व्यवहार
अकसर दुख देता है
क्यों उम्मीद ना चाहते हुए
भी रख लेते हैं ऐसे लोगों से
जो उम्मीद तो छोड़ो
इंसान समझने के लायक नहीं होते-
डरते हो तुम मरने से
डर - डर के क्यों रहते हो
जाना तो है 1 दिन
तो जाने से क्यों डरते हो
रहना है यहां तो जीना सीख लो
यह दुनिया है ज़ालिम
उनको मारकर , जीना सीख लो
रहना सबको यही है
पर जीना सब को नहीं हैं
एक को आगे बढ़ना हैं
तो दूसरे को रुकना जरूरी हैं
जो इंसान सही है
उसको गलत कर देना जरूरी है
यह वही आप और मैं हैं
जिस ने बनाए यह संसार हैं
यह वही आप और मैं
जिस ने किया बरबाद ये संसार हैं-
💝💞 तुझसे मिलना मेरी जिंदगी की - सबसे बड़ी खुशकिस्मती थी 💞💝
💝💞 ना जाने मेरी जिंदगी में कहां से - खुशियां बन कर आई थी 💞💝
पर
💔 अगर तुझसे ' मिलना ' नहीं था 💔
💔 तो खुदा ने ' मिलाया ' ही क्यों था 💔
💔 अगर तुझसे ' दिल लगाना ' नहीं था 💔
💔 तो खुदा ने ' दिल लगवाया ' क्यों था 💔
💔 कहीं ना कहीं तेरी - मेरी मुलाकात जरूरी थी 💔
💔 एक दूसरे की कमी , पूरी करने के लिए 💔
💔 पर इस ठहराव ने , उस कमी को और बढ़ा दिया💔
💔 उन " जख्मों " को , जो कम थे मेरे में 💔
💝 उसको और " खुरेद " के बड़ा करके चला गया 💔
💔 इतनी सारी ' दफन ' यादों के साथ 💔
💔 मुझे एक कमरे में , बंद करके चला गया 💔
💔 वो चाबी को , ढूंढने के चक्कर में 💔
💔 मैंने अपनी जिंदगी के " सारे पलों " को गवा दिया 💔
💔 काश तुझे से " मिला नहीं " होता तो 💔
💔 " " आज मेरा ये हाल नहीं होता " "💔-
अधूरी सी है कुछ बातें
अधूरी सी कुछ ख्वाब
चल पड़े हैं उसे पूरा करने
एक नए हौसले
और
पूरी उम्मीद के साथ-
अधूरी सी है कुछ बातें
अधूरी सी कुछ ख्वाब
चल पड़े हैं उसे पूरा करने
एक नए हौसले को पूरी उम्मीद के साथ-
कोई आता है
और
कोई चला जाता है
किसी के जाने पर खुशी होती है
किसी के जाने पर दुख होता है
पर यह समय का दस्तूर है कि
समय के साथ-साथ सब चला जाता है
किसी की जिंदगी रुकती नहीं है
किसी के चले जाने से
कुछ समय का ठहराव हो जाता है
अपनी छोटी सी जिंदगी में
कोई आता है
और
कोई चला जाता है-
" यह डर जो खा रहा है हमें "
" यह जो बेचैनी तड़पा रही है मुझे "
" यह आंखें जो झपकाने , से कतरा रहे हैं तुम्हें "
" यह शरीर जिसका साथ , छूट सा जा रहा मुझे "
" वो सांसे जो , बंद सी हो रही है "
" वो प्यारी सब यादे , जो आंखों के सामने आ सी रही हैं "
" यह मुस्कुराहट ' आखरी ' सी जो आ गई है "
" यह जिंदगी के सारे लम्हे , एक पल में जी सि ली है "
" यह मौत जिसका इंतजार सा था "
" वो जो आ सा गया है "
" मैं वो जा सा चुका हूं "
" मेरी जिंदगी जो रूक सी चुकी है "
" मेरी सांसे जो थम सी चुकी है "
" मुझे जहां पहुंचना सा था "
" मैं "
" वो शून्य तक पहुंचा सा चुका हूं "
_PANDEY JEE
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कुछ चीजों को
भुल कर भी भुुलाया नहीं जाता हैं
क्योंकि वो ऐसी यादें होती हैं
जिनको भूलकर भी भुलाया
नहीं जा सकता हैं-
क्या नशा करूं किसी चीज का मैं
मुझे नशा मेरी सोच का है
इस नशे में ऐसे डूबता हूं
कि डूबना भी मेरे से सीखे
समय को कैसे निकाल दूं
यह भी कोई मुझसे सीखे
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