आंसू को भी आज निकलने की वजह मिल गई
जब कृष्ण के चरणों में रहने की जगह मिल गई
भाव विभोर हुआ मन जब कृष्ण लगे मुस्कुराने
खुशी से रोने लगा में जब कृष्ण लगे इशारों से मुझे बुलाने
@दिव्यांक राज
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Future is already destined
©divyankraj
अलग होता है मंजर जब मौत होती है
खुशियां और जिस्म तब उसकी सौत होती है
जलाकर भी किसी के तन को अगर आत्मा को सुकून ना मिलता
उसी इंसान की सच कहूं बेवक्त मौत होती है
@दिव्यांक राज-
यकीन है हमदोनो को एक दूसरे पे इतना ज़्यादा
की हमेशा साथ निभाने का कर लिया है वादा
बता भी दिया है हमने आखिर मन में क्या है इरादा
तभी तो मिलके बाट रहे एक दूसरे के दुख और सुख आधा आधा
@दिव्यांक राज-
अस्तित्व
हा है एक अस्तित्व मेरा भी इंसा हूं मै!!
तुम्हारे कहने से हस्ती मिटा तो नहीं दूंगा!!
आया हूं तो कोई मकसद होगा मेरा!!
कह देने से तुम्हारे रास्ते मोड़ तो नहीं दूंगा!!
कायदे सलीखे आखिर मूझपे लागू क्यों होते!!
जंग जीतनी है ज़िन्दगी से खुद को हारने नहीं दूंगा!!
मै आज भी हर घड़ी सच्चाई के साथ खड़ा हूं!!
उठा के ही चला हूं हमेशा सर गिरने नहीं दूंगा!!
असूल के नोक पर कसम खाई है इक मैने!!
उम्मीद के "लौ" को दिल की कभी बुझने नहीं दूंगा!!
सता में होने के लिए एक अवस्था मजबूत ज़रूरी!!
गुलाम बनाऊंगा परिस्थतियों को इसलिए टूटने नहीं दूंगा!!
ये जो कहते है सब मिटा दूंगा तुम्हारे अस्तित्व को!!
उजाड़ दूंगा इनका बसेरा खुद को लूटने नहीं दूंगा!!
मै ,राज हूं वो राज जो समेटे रहता है कई राज दबे!!
इस हमराही का मंजिल से साथ छूटने नहीं दूंगा!!
@दिव्यांक राज
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संघर्ष
छोड़ दो परेशानी का हरदम राग अलापना
संघर्ष करो तुम फिर हैसियत अपनी नापना
आइयेंगी बहुत चुनौतिया राह में तुम्हे गिराने
तुम मगर मेहनत की आंच पे आग तापना
देखना फिर सफल होगे तुम हर पहर
लड़ लेना तकलीफों से मगर मत कापना
ज़िन्दगी है तभी तो कभी हार कभी जीत
हिम्मत से हाथ मिलाना हरि नाम जपना
ये इतना भी मुश्किल नहीं की तुम्हे हरा दे
जीत दिलाएंगी तुम्हे सिर्फ देखा जो तूने सपना
ये मंजिल भी तो तुम्हारी तरह राही देख रही है
संघर्ष करो आजीवन तुम्हे कल को है चमकना
मत इंजाम लगाओ वक़्त पे खुद को तैयार करो
सूरज हो तुम तेज है तुम में तुम्हे हरदम है जलना
@दिव्यांक राज-