प्रकृति और स्त्री, दोनों एक ही तो हैंअत्यधिक ह्रास के बाद विनाश का आरंभ करती हैं। -
प्रकृति और स्त्री, दोनों एक ही तो हैंअत्यधिक ह्रास के बाद विनाश का आरंभ करती हैं।
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तुम जो हो तो किस बात का डरजो तुम ना हो, है इस बात का डर। -
तुम जो हो तो किस बात का डरजो तुम ना हो, है इस बात का डर।
जब डर ना हो तब बोलो,कुछ पसंद ना हो तब बोलो,जो हो ना अच्छा तब बोलो,ना जुड़ रहा कुछ तब बोलो,सब कहते हैं सच बोलो। -
जब डर ना हो तब बोलो,कुछ पसंद ना हो तब बोलो,जो हो ना अच्छा तब बोलो,ना जुड़ रहा कुछ तब बोलो,सब कहते हैं सच बोलो।
तुम्हारी तरह तो बहोत हैंपर मेरी तरह तो बस मैं ही हूंइस तरह से बेहतर हुं, मै तुमसे। -
तुम्हारी तरह तो बहोत हैंपर मेरी तरह तो बस मैं ही हूंइस तरह से बेहतर हुं, मै तुमसे।
कहां होता है इंसाफ़मासूमों के साथ,तुम परिंदों को पिजड़े मेंरखने वाले समाज में हो,तुम सोच भी कैसे सकती हो?तुम्हें अपना आकाशइतनी आसानी से मिल जायेगा। -
कहां होता है इंसाफ़मासूमों के साथ,तुम परिंदों को पिजड़े मेंरखने वाले समाज में हो,तुम सोच भी कैसे सकती हो?तुम्हें अपना आकाशइतनी आसानी से मिल जायेगा।
इसलिए तो दर्द मिला है -
इसलिए तो दर्द मिला है
नींद बाकी है आंखों मेंकुछ तकिए के कोने पेऔर कुछ तुम्हारे कांधे पे -
नींद बाकी है आंखों मेंकुछ तकिए के कोने पेऔर कुछ तुम्हारे कांधे पे
नयी यादों को सजाने के लिएजीवन को नए फूलोंसे महकाने के लिएख़ुद को और मजबूतबनाने के लिए भूलना अच्छा होता है हमारे लिए, तुम्हारे लिए। -
नयी यादों को सजाने के लिएजीवन को नए फूलोंसे महकाने के लिएख़ुद को और मजबूतबनाने के लिए भूलना अच्छा होता है हमारे लिए, तुम्हारे लिए।
मन की कोमलता कौन देखता हैऔर जो देखता है, वही तो छलता है। -
मन की कोमलता कौन देखता हैऔर जो देखता है, वही तो छलता है।
अन्त मे ... शांति का अनुभव मुक्ति से ही मिलता है। -
अन्त मे ... शांति का अनुभव मुक्ति से ही मिलता है।