Divyangini Gond   (Divyangini)
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मेरे श्याम ने मुझे कुछ ऐसा बना दिया
नयनों से अपनी सूरत मेरे दिल मे बसा दिया
Joined 15 May 2023


मेरे श्याम ने मुझे कुछ ऐसा बना दिया
नयनों से अपनी सूरत मेरे दिल मे बसा दिया
Joined 15 May 2023
52 MINUTES AGO

प्रकृति और स्त्री, दोनों एक ही तो हैं
अत्यधिक ह्रास के बाद विनाश का आरंभ करती हैं।

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2 HOURS AGO

तुम जो हो तो किस बात का डर
जो तुम ना हो, है इस बात का डर।

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3 HOURS AGO

जब डर ना हो तब बोलो,
कुछ पसंद ना हो तब बोलो,
जो हो ना अच्छा तब बोलो,
ना जुड़ रहा कुछ तब बोलो,
सब कहते हैं सच बोलो।

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10 HOURS AGO

तुम्हारी तरह तो बहोत हैं
पर मेरी तरह तो बस मैं ही हूं
इस तरह से बेहतर हुं, मै तुमसे।

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26 APR AT 23:00

कहां होता है इंसाफ़
मासूमों के साथ,
तुम परिंदों को पिजड़े में
रखने वाले समाज में हो,
तुम सोच भी कैसे सकती हो?
तुम्हें अपना आकाश
इतनी आसानी से मिल जायेगा।

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26 APR AT 22:29

इसलिए तो दर्द मिला है

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25 APR AT 23:06

नींद बाकी है आंखों में
कुछ तकिए के कोने पे
और कुछ तुम्हारे कांधे पे

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25 APR AT 22:33

नयी यादों को
सजाने के लिए
जीवन को नए फूलों
से महकाने के लिए
ख़ुद को और मजबूत
बनाने के लिए
भूलना अच्छा होता है
हमारे लिए,
तुम्हारे लिए।

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25 APR AT 22:18

मन की कोमलता कौन देखता है
और जो देखता है, वही तो छलता है।

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25 APR AT 22:15

अन्त मे ... शांति का अनुभव मुक्ति से ही मिलता है।

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