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पिता की दुआओं का आगाज़ हूँ।
🤍दिव्य
परमात्मा र... read more
कभी-कभी कुछ परेशानियां
किसी को बता भर देने से
खत्म हो जाती है.....
मैं जब बोल नहीं पाती
तो कविता बोलती है
कविता बताती है
कविताओं का हिस्सा
हर कोई कभी नहीं होता
कविताओं में
वे लोग होते हैं
जिन तक पहुंचाना चाहते हैं
हम अपना प्रेम
तुम नाराज हो
तुम्हें कविताएं नहीं सुननी
और देखो तुम
कविता का हिस्सा हो...-
मन रखने
और
मन रख देने में
सूक्ष्म अंतर होता है
पहली क्रिया व्यक्ति को
आनंद से भर देती है
और दूसरी क्षोभ से-
पीड़ा से वैराग्य की उत्पत्ति
और सुख से लगाव का जन्म होता है
.....
लगाव से पुनः पीड़ा
फिर वैराग्य का क्रम
चल पड़ता है l-
न जाने क्यों प्रेम की अभिव्यक्ति से मैं कभी पीछे नहीं हट पायी..
उसने मुझे सांकेतिक रूप में बताया कि
प्रेम क्या है
उसने मुझसे नहीं कहा उसे मुझसे प्रेम है
उसने मुझे बताया
गलती से चतुर्थी का चांद मत देख लेना कलंक लगता है.....
फिर इस मूक अभिव्यक्ति से सुन्दर क्या
मौन भी प्रेम की सहज अभिव्यक्ति है.-
भरोसा करना मुश्किल नहीं
भरोसा करना बहुत आसान है
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मुश्किल तो तब होती है
जब भरोसा ना हो
तुमने कहा प्रेम है,मैंने भरोसा किया
मैंने कहा प्रेम है, तुमने कहा सच में??-
बचपन में मम्मी: अच्छे बच्चे जिद नहीं करते 🙄
बड़े होने के बाद कुछ कांड कर लेने के बाद मैं :- अच्छी mummaa गुस्सा नहीं करती....
Smile करती है... 😁-
महफ़िल ने पता पूछ लिया तुम्हारा
हमें आज बेवजह मुस्कुराता देखकर
हम ओझल हो गए सबकी नजरों से
सितारे छुप गए चाँद को आता देखकर-
मैं जो रोऊँ तू देखे, क्यूँ जाने संसार
जो जाने संसार तो हँसे बारम्बार
मैं जो खाऊं तू जाने मेरे भीतर बैठ
जो जाने संसार ले निवाला निकाल-